नई दिल्ली: वायु प्रदूषण से जूझ रहे दिल्लीवासियों (Delhi Air Quality) के लिए मंगलवार की सुबह भी थोड़ी राहतभरी रही. हवा की गुणवत्ता में सुधार होने से दिल्ली (Delhi) के लोगों को जहरीली हवा से राहत मिली है. हालांकि अभी भी यह ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है. उधर, लोकसभा में आज दोपहर 2 बजे दिल्ली में प्रदूषण को लेकर चर्चा की जाएगी.
मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली में मंगलवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 218 रिकॉर्ड किया गया. जो कि सोमवार को इसी समय 211 था. हालांकि अधिकतर हिस्सों में एक्यूआई में मामूली सुधार के बावजूद हवा खराब श्रेणी में रही. जबकि कुछ जगहों पर यह सूचकांक ‘मध्यम’ श्रेणी का दर्ज किया गया है. न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु स्टेडियम के पास वायु गुणवत्ता खराब दर्ज की गई है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार यहां वायु प्रदूषण का स्तर एक्यूआई 212 दर्ज किया गया है, जो कि सेहत के लिए हानिकारक समझा जाता है.
विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली में वायु गुणवत्ता में सुधार की मुख्य वजह तेज हवाएं है. इसी के चलते सोमवार सुबह भी राजधानी की हवा में सुधार आया था. रविवार रात में प्रदूषण का स्तर गिरकर 198 तक पहुंच गया था. जो कि ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है. जबकि कल शाम चार बजे तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक 215 दर्ज किया गया. राजधानी के आस पास के शहरों की बात करें तो फरीदाबाद का सूचकांक 197 (मध्यम), गाजियाबाद 218 (खराब), ग्रेटर नोएडा 202 (खराब), नोएडा 203 (खराब) गुड़गांव 136 (मध्यम) दर्ज किया गया था.
Delhi: Air Quality Index (AQI) at 212 in 'Poor' category near Jawaharlal Nehru Stadium, as per Central Pollution Control Board (CPCB) data pic.twitter.com/e7RfH1gfq2
— ANI (@ANI) November 19, 2019
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को फिर कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पराली जलने के कारण है और अब इसके लगभग खत्म होने पर वायु गुणवत्ता सुधर रही है.
उधर, उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के 10 जिलों के अधिकारियों को अपने जिलों में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर 20 नवंबर तक रिपोर्ट जमा करने को कहा है. गृह विभाग के एक बयान के अनुसार, मथुरा, पीलीभीत, शाहजहांपुर, रामपुर, लखीमपुर खीरी, महाराजगंज, बरेली, अलीगढ़, जालौन व झांसी के जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को पराली जलाने पर 20 नवंबर तक रिपोर्ट जमा करना है.
उल्लेखनीय है कि वायु गुणवत्ता 201-300 के बीच ‘खराब’ मानी जाती है. वहीं 301-400 के बीच ‘बेहद खराब’ और 401-500 के बीच ‘गंभीर’ मानी जाती है.