Coal Scam Case: पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे सहित अन्य को कोर्ट ने सुनाई 3 साल की सजा, आवंटन में अनियमितता का आरोप

सीबीआई (CBI) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला (Coal Scam) से जुड़े एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) सहित तीन को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. साल 1999 में झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन में दिलीप रे पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा था. दिलीप रे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सरकार में कोयला मंत्री थे. वहीं इस मामले में कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी- प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम भी दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने कास्त्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के पूर्व सलाहकार (प्रोजेक्ट्स) और इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल भी दोषी पाए गए थे.

दिलीप रे (Photo Credits: Wikimedia Commons)

सीबीआई (CBI) की एक विशेष अदालत ने कोयला घोटाला (Coal Scam) से जुड़े एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री दिलीप रे (Dilip Ray) सहित तीन को कोर्ट ने 3 साल की सजा सुनाई है. साल 1999 में झारखंड में एक कोयला ब्लॉक आवंटन में दिलीप रे पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगा था. दिलीप रे 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) सरकार में कोयला मंत्री थे. वहीं इस मामले में कोयला मंत्रालय के दो पूर्व वरिष्ठ अधिकारी- प्रदीप कुमार बनर्जी और नित्या नंद गौतम भी दोषी पाए गए हैं. इसके अलावा कोर्ट ने कास्त्रोन टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के पूर्व सलाहकार (प्रोजेक्ट्स) और इसके निदेशक महेंद्र कुमार अग्रवाल भी दोषी पाए गए थे.

अदालत ने अपने सजा के साथ सभी दोषियों को 10 लाख जुर्माना लगाया है. वहीं दिलीप रे के वकील अदालत के इस फैसले बाद अब जमानत के लिए अदालत जाएंगे और फैसले के खिलाफ अपील भी करेंगे. दिलीप रे अटल बिहारी सरकार में कोयला राज्यमंत्री थे जबकि प्रदीप कुमार बनर्जी कोयला मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव और परियोजना सलाहकार थे. मामले की जांच सीबीआई कर रही थी. यह भी पढ़ें:- कानपुर: बिकरू हत्याकांड के 30 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज, असामाजिक और सरकार विरोधी गतिविधियों के कारण FIR दर्ज.

ANI का ट्वीट:- 

गौरतलब हो कि दिल्ली की एक अदालत ने कोयला ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला राज्य मंत्री दिलीप रे और पांच अन्य की सजा पर 26 अक्टूबर तक के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था. राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश भरत पराशर ने 6 अक्टूबर को, उन्हें इस मामले में दोषी ठहराया था और कहा था कि इन लोगों ने कोयला ब्लॉक के आवंटन की खरीद को लेकर एक साथ साजिश रची थी.

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