Deadly Fungus Can Be Reason of Fatal Pandamic: कोरोना से भी घातक है ये फंगस, अगली महामारी का कारण बन सकता है, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

पूरी दुनिया कोरोना महामारी से बचने की जद्दो जहद में लगी हुई है. वहीं वैज्ञानिकों ने एक दूसरी महामारी की चेतावनी दे दी है. वैज्ञानिकों के अनुसार एक फंगस है जो कोरोना महामारी से भी कई गुना ज्यादा घातक हो सकता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के वैज्ञानिकों ने कहा था कि अगला महामारी "कैंडिडा औरिस" के कारण हो सकता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

पूरी दुनिया कोरोना महामारी से बचने की जद्दो जहद में लगी हुई है. वहीं वैज्ञानिकों ने एक दूसरी महामारी की चेतावनी दे दी है. वैज्ञानिकों के अनुसार एक फंगस है जो कोरोना महामारी से भी कई गुना ज्यादा घातक हो सकता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्रों के वैज्ञानिकों ने कहा था कि अगला महामारी "कैंडिडा औरिस" के कारण हो सकता है, यह एक कवक है जो काले प्लेग (Black Plague) जैसा दिखता है. उन्होंने बहुत गंभीर महामारी Candida Auris के लिए कहा कि यदि यह फंगस ब्लड के साथ बहने लगे तो यह निश्चित रूप से घातक हो जाएगा. यदि यह अस्पतालों में कैथेटर या अन्य ट्यूब-आधारित उपकरणों के माध्यम से शरीर में प्रवेश करता है, तो यह और भी अधिक घातक होगा.

शुरुआत में इस फंगस की पहचान साल 2009 में की गई थी और यह एंटिफंगल दवाओं लेने के बाद भी काफी हद तक वापस आने में विजयी रहा. इम्पीरियल कॉलेज, लंदन (Imperial College, London) के एक महामारी विशेषज्ञ - जोहाना रोड्स (Johanna Rhodes) ने कहा कि यह फंगस सतहों पर लंबे समय तक जीवित रह सकते हैं. कैंडिडा औरिस के बारे में सबसे डरावनी बात यह है कि यह सतह पर लम्बे समय तक निर्जीव सतहों पर जिन्दा रहता है और इस पर कुछ भी फेंकने पर इसका खातमा जल्दी नहीं होगा. इसलिए इसकी तुलना कोरोना से भी खतरनाक महामारी से की जा रही है.

रोड्स 2016 में यूके में हुए फंगस के प्रकोप में शामिल वैज्ञानिकों में से एक थे. फंगस की तुलना ब्लैक प्लेग से की गई थी, केवल एक सीडीसी चिकित्सक ने पाया कि फफूंद के सब्सटेंस लगून्स में पाए हैं, और अन्य क्षेत्र भी बैक्टीरिया से भरे होते हैं. ब्लैक लगून से आए ये फंगस अब हर जगह फैल चुके हैं, "सन ने सीडीसी के डॉ टॉम चिलर के हवाले से कहा.

COVID-19 के उभरने और वैश्विक स्वास्थ्य सुविधाओं में खामियों को प्रकाश में लाने के बाद, वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि आने वाले वर्षों में इस तरह के कई महामारी पॉप अप कर सकते हैं. कई लोगों ने इसे मानवीय गतिविधि और प्राकृतिक संसाधनों की कमी के लिए जिम्मेदार ठहराया है, साथ ही जलवायु परिवर्तन भी एक महत्वपूर्ण कारण बताया है. अब, वैज्ञानिक वैश्विक स्वास्थ्य पेशेवरों को इस बीमारी के लिए तैयार रहने की चेतावनी दे रहे हैं.

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