भारत ने UNSC से कहा- ‘पनाहगाह’ से चल रहीं अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की अवैध गतिविधियां वास्तिवक खतरा पैदा करती हैं
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से डी-कंपनी, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से पैदा हो रहे वास्तविक खतरों से निपटने की दिशा में ध्यान केंद्रित करने की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान में मौजूद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का आपराधिक सिंडिकेट एक आतंकवादी नेटवर्क में बदल गया है.
भारत (India) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) से डी-कंपनी, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा से पैदा हो रहे वास्तविक खतरों से निपटने की दिशा में ध्यान केंद्रित करने की मांग करते हुए कहा कि पाकिस्तान (Pakistan) में मौजूद अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम (Dawood Ibrahim) का आपराधिक सिंडिकेट एक आतंकवादी नेटवर्क में बदल गया है. भारत ने कहा कि उस ‘पनाहगाह’ से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी का वास्तविक खतरा है जो दाऊद की मौजूदगी से भी इनकार करता है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरूद्दीन ने मंगलवार को ‘अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा को खतरा: अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और संगठित अपराध के बीच संबंध’ विषय पर सुरक्षा परिषद की बहस में कहा कि आतंकवादी संगठन धन एकत्र करने के लिए मानव तस्करी एवं प्राकृतिक संसाधनों का व्यापार करने जैसी आपराधिक गतिविधियों में भी शामिल हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार, आपराधिक समूह आतंकवादियों के साथ हाथ मिला रहे हैं और जालसाजी, अवैध वित्तपोषण, हथियारों की सौदागरी, नशीले पदार्थों की तस्करी और आतंकवादियों को सीमा पार ले जाने जैसी सेवाएं मुहैया करा रहे हैं. अकबरूद्दीन ने कहा, ‘‘हमने अपने क्षेत्र में दाऊद इब्राहिम के आपराधिक सिंडिकेट को डी-कंपनी नाम के आतंकवादी नेटवर्क में बदलते देखता है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘डी कंपनी की अवैध आर्थिक गतिविधियों के बारे में हमारे क्षेत्र के बाहर अधिक लोग नहीं जानते हैं, लेकिन हमारे लिए सोने की तस्करी, जाली नोट जैसी गतिविधियां वास्तविक एवं मौजूदा खतरे हैं. हमारे लिए उस पनाहगाह से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी वास्तविक खतरा है जो दाऊद की मौजूदगी से भी इनकार करता है.’’ यह भी पढ़ें- मसूद अजहर के बाद हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम पर कार्रवाई को लेकर पीएम मोदी ने दिया ये बयान, देखें Video
उन्होंने जोर देकर कहा कि आईएसआईएस को ‘‘बेपर्दा’’ करने की सामूहिक कोशिश दर्शाती है कि परिषद यदि ‘‘ध्यान केंद्रित करे तो परिणाम मिल सकते हैं और मिलते हैं’’. उन्होंने कहा, ‘‘प्रतिबंधित व्यक्तियों दाऊद इब्राहिम और उसकी डी-कंपनी के अलावा प्रतिबंधित संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के खतरों से निपटने में इसी प्रकार ध्यान केंद्रित करने से लाभ होगा.’
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पिछले सप्ताह कहा था, ‘‘दाऊद इब्राहिम पाकिस्तान में नहीं है.’’ इससे एक दिन पहले ही ब्रिटेन की एक अदालत ने सूचित किया था कि 1993 में हुए मुंबई हमलों के लिए वांछित दाऊद इस समय पाकिस्तान में है.