Cyber Crime effect on School Children: जामताड़ा में स्कूली बच्चे बन रहे साइबर क्राइम के मास्टर, आठवीं व दसवीं के दो छात्रों ने मिलकर ठगे 50 लाख

जामताड़ा के आठवीं और दसवीं क्लास के दो छात्रों ने लोगों को झांसा देकर कम से कम 50 लाख रुपए की ठगी की. धनबाद जिले की साइबर पुलिस ने दोनों को टुंडी प्रखंड से गिरफ्तार किया.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

जामताड़ा, 20 फरवरी : जामताड़ा के आठवीं और दसवीं क्लास के दो छात्रों ने लोगों को झांसा देकर कम से कम 50 लाख रुपए की ठगी की. धनबाद जिले की साइबर पुलिस ने दोनों को टुंडी प्रखंड से गिरफ्तार किया. दोनों एक साथ मिलकर मोबाइल कॉल और अन्य ऑनलाइन हथकंडों के जरिए तीन-चार साल से ठगी की वारदात अंजाम दे रहे थे. उनके पास से पुलिस ने छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं.

दोनों ने बताया है कि वे बिजली मीटर अपग्रेड करने और पीएम रिलीफ फंड के नाम पर कई लोगों के अकाउंट से पैसे उड़ाए हैं. वे लोगों को कॉल कर खुद को बिजली विभाग का अफसर बताते थे और बिजली मीटर अपग्रेड कराने के नाम पर उन्हें मोबाइल एप्लीकेशन का लिंक और डिमांड भेजते थे और फिर बैंक अकाउंट से पैसे उड़ा लेते थे. इसके अलावा उन्होंने पीएम रिलीफ फंड के नाम पर भी कई लोगों से ठगी की है. यह भी पढ़ें : उत्तराखंड: हल्द्वानी के दंगा प्रभावित बनभूलपुरा से कर्फ्यू पूरी तरह से हटा

दरअसल, जामताड़ा से चल रहे साइबर क्राइम नेटवर्क में स्कूली छात्र की संलिप्तता का यह कोई पहला मामला नहीं है. साइबर पुलिस के अनुसार, तीन सालों में कम से कम 100 स्कूली छात्र साइबर क्राइम के मामलों में पकड़े गए हैं. ऐसे छात्रों की उम्र 13-14 से लेकर 16-18 साल तक है.

पिछले साल साइबर क्राइम के अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किए गए कई स्कूली छात्रों ने स्कूल का अटेंडेंस दिखाकर जमानत लेने की कोशिश की. बीते नवंबर महीने में केरल की पुलिस ने जामताड़ा में शिक्षा विभाग से संपर्क कर बताया था कि साइबर ठगी में गिरफ्तार छात्र ने ठगी की घटना के समय स्कूल में बनी हाजिरी के आधार पर जमानत लेने की कोशिश की. इसके बाद शिक्षा विभाग अलर्ट हुआ.

आशंका जताई गई कि जामताड़ा के करमाटांड़ के एक सरकारी स्कूल में पढ़ाई करने वाले करीब 325 छात्र साइबर अपराध में संलिप्त हो सकते हैं. इसके बाद इस स्कूल में छात्रों की तीन बार हाजिरी शुरू की गई. स्कूल में प्रार्थना के बाद, टिफिन के बाद, इसके बाद स्कूल में छुट्टी होने से पूर्व तीसरी बार छात्रों की हाजिरी ली जाती है, ताकि स्कूल अवधि में साइबर अपराध न कर सकें.

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