मैरिटल रेप अपराध है या नहीं? दिल्ली हाई कोर्ट के जजों ने कही अलग-अलग बात, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा मामला

मैरिटल रेप (Marital Rape) अपराध है या नहीं इसपर देशभर में अलग-अलग मत हैं. इस मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जज इस मामले पर एकमत नहीं थे. इसकी वजह से अब इस मामले को तीन जजों की बेंच को सौंप दिया गया है.

प्रत्कात्मक तस्वीर (Photo Credits: Pixabay)

मैरिटल रेप (Marital Rape) अपराध है या नहीं इसपर देशभर में अलग-अलग मत हैं. इस मामले में आज दिल्ली हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट के जज इस मामले पर एकमत नहीं थे. इसकी वजह से अब इस मामले को तीन जजों की बेंच को सौंप दिया गया है. इसके साथ ही मैरिटल रेप का मामला अब सुप्रीम कोर्ट में भी जाएगा.

आज हुई सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट के जज इस मामले पर एकमत नहीं थे कि मैरिटल रेप (Marital Rape) अपराध है या नहीं. आज इस मामले पर सुनवाई कर रहे दो जजों में मतभिन्नता थी, इसीलिए अब इस मामले को बड़ी बेंच को सौंपा गया है.

 

अदालत के एक न्यायाधीश ने इस प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है. खंडपीठ ने पक्षकारों को उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर करने की छूट दी.

खंडपीठ की अगुवाई कर रहे न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने वैवाहिक बलात्कार के अपवाद को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर ने कहा कि भारतीय दंड संहिता के तहत प्रदत्त यह अपवाद असंवैधानिक नहीं हैं और संबंधित अंतर सरलता से समझ में आने वाला है.

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