देश में कोरोना (COVID-19) के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. हर दिन कोरोना के नए मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है. इस बीच देश के 5 राज्यों में अगले महीने चुनाव होने हैं. कोरोना के बढ़ते खतरे के बीच चुनाव प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है. कोरोना के खतरे को देखते हुए चुनाव आयोग (Election Commission) ने 15 जनवरी तक तमाम तरह की रैलियों और रोड शो पर रोक लगाई थी. लेकिन कोरोना की वर्तमान स्थिति को देखकर लग रहा है कि चुनाव आयोग यह रोक बढ़ा सकता है. Omicron: तेजी से बढ़ रही ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या, मरीजों में मौत की संभावना को लेकर स्टडी में नया खुलासा.
कोरोना के बिगड़ते हालात देख चुनाव आयोग रैली और रोड शो पर लगी रोक को आगे भी जारी रख सकता है. रिपोर्ट्स की मानें तो चुनाव आयोग 15 जनवरी के बाद भी चुनावी रैलियों, रोड शो, पद यात्रा और अन्य तरह की तमाम चुनाव प्रचारों पर रोक जारी रहने की संभावना है.
बता दें कि चुनाव आयोग की तरफ से पार्टियों और नेताओं को निर्देश दिया गया है कि वे वर्चुअल तरीके से चुनाव प्रचार करें. चुनाव आयोग कोरोना की खतरनाक रफ्तार के बीच रैलियों, सभाओं और पदयात्रा में में भीड़ जुटने को लेकर चिंतिंत है. इससे हालात बिगड़ने का खतरा है.
देश में कोरोना के दैनिक मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है. देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 2,64,202 नए मामले सामने आए हैं. इससे पहले गुरुवार को कोरोना के 2.47 लाख से ज्यादा मामले सामने आए थे. वहीं देश में ओमिक्रॉन (Omicron) के कुल मामले में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ओमिक्रॉन के मामले बढ़कर के 5,753 हो गए हैं.
जनवरी के अंत से फरवरी की शुरुआत तक कोरोना के मामले और तेजी से बढ़ेंगे. इसी अवधि में कोरोना की तीसरी लहर अपने पीक पर होगी इसलिए खतरा और अधिक है. अब देखना यह होगा कि चुनावी रैलियों में जुटने वाली भीड़ के लिए चुनाव आयोग आगे क्या फैसला लेता है.