COVAXIN: भारत की पहली COVID-19 वैक्सीन कैंडिडेट 'कोवाक्सिन' को मानव परीक्षण की अनुमति मिली, जुलाई में शुरू होंगे ट्रायल
COVAXIN को पुणे स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के सहयोग से विकसित की गई है. वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण जुलाई से शुरू करने की योजना है.
नई दिल्ली: कोवाक्सिन (COVAXIN) ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) द्वारा अप्रूव होने के बाद देश की पहली कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट बन गई है जिसे मानव परीक्षण के पहले और दूसरे चरण की मंजूरी मिल गई है. इस वैक्सीन को भारत बायोटेक ने विकसित किया है. वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण जुलाई से शुरू करने की योजना है.
COVAXIN को पुणे स्थित इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से विकसित की गई है. वायरस के स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में आईसोलेट किया गया था और भारत बायोटेक को भेजा गया था, जहां इस स्वदेशी वैक्सीन को विकसित किया गया. यह भी पढ़ें: अनलॉक-2 के लिए केंद्र ने जारी की गाइडलाइंस: स्कूल-कॉलेज मेट्रो ट्रेन पर 31 जुलाई तक रोक, यहां जानें क्या खुलेगा और क्या रहेगा बंद.
अगले महीने से शुरू होने वाले मानव परीक्षणों में देश भर के कई स्वस्थ व्यक्तियों के अलग-अलग आयु समूहों में शामिल होने की उम्मीद है. इस परीक्षण से पता लगाया जाएगा कि क्या टीका COVID -19 संक्रमण के खिलाफ प्रतिरक्षा कर सकता है.
यदि यह सफल रहा, तो क्लिनिकल परीक्षण के तीसरे चरण को इस साल के अंत में शुरू किया जाएगा जिसमें हजारों मनुष्यों को शामिल किया जाएगा ताकि इसकी पूर्ण प्रभावशीलता का पता लगाया जा सके. वैक्सीन रोल-आउट के लिए दवा नियामक की मंजूरी उन साइड-इफेक्ट्स पर भी निर्भर करेगी जो वैक्सीन परीक्षण के दौर से गुजर रहे लोगों पर हो सकते हैं.