न्यायालय ने दुर्घटना मुआवजे के ब्याज पर कर के खिलाफ याचिका को किया खारिज
दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मिले मुआवजे के ब्याज पर कर के प्रावधान को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
नयी दिल्ली, 9 : दिल्ली उच्च न्यायालय(Delhi High Court) ने बुधवार को सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को मिले मुआवजे के ब्याज पर कर के प्रावधान को समाप्त करने की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. न्यायमूर्ति मनमोहन और संजीव नरूला की पीठ ने कहा कि रिट याचिका में उठाए गए मुद्दे की प्रकृति जनहित याचिका (पीआईएल) की है और पीठ ने याचिकाकर्ता को इस संबंध में पीआईएल दायर करने की इजाजत दी.
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पीठ वरिष्ठ अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता अमित साहनी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. याचिका में सीबीडीटी के 26 जून 2019 के आदेश को अलग रखने की मांग की गई थी, जिसमें कहा गया था कि मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण (एमएसीटी) द्वारा दिए गए मुआवजे पर अर्जित ब्याज पर आयकर लगाना उचित है.
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस मुद्दे पर अपील को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि इस तरह मिला ब्याज, आय की श्रेणी में आता है.
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याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने मौखिक रूप से कहा कि यह मुद्दा अच्छा है और याचिकाकर्ता ने इस पर अच्छा शोध किया है.
सीबीडीटी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता के पास अपील करने का कोई आधार नहीं है.