पटना: देश केपहली लोकसभा के एकमात्र जीवित बचे सदस्य और बिहार के डुमरांव राज के अंतिम महाराज कमल बहादुर सिंह (Kamal Bahadur Singh) का रविवार सुबह निधन हो गया. वह 93 साल के थे. उनके पुत्र चंद्रविजय सिंह (Chandra Vijay Singh) ने बताया कि रविवार को बक्सर जिले के भोजपुर स्थित कोठी पर उनका पार्थिव शरीर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है. सोमवार सुबह उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. कमल सिंह का पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ घनिष्ठ संबंध था. कहा जाता है कि वाजपेयी के प्रभाव के कारण ही उन्होंने जनसंघ की सदस्यता ग्रहण की थी.
स्वतंत्रता के बाद शाहाबाद में शिक्षा और सामाजिक विकास में इनका अहम योगदान रहा. चंद्रविजय सिंह ने बताया कि पूर्व सांसद कमल सिंह ने रविवार सुबह 5.10 बजे अंतिम सांस ली.उनके निधन से पूरे शाहाबाद इलाके में शोक की लहर दौड़ गई. केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सांसद अश्विनी कुमार चौबे ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा है कि एक स्वर्णिम और गौरवशाली अतीत का अंत हो गया. यह भी पढ़े: महान गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह का 74 वर्ष की आयु में निधन, सिजोफ्रेनिया नामक मानसिक बीमारी से थे पीड़ित
Bihar: Kamal Bahadur Singh, last Maharaja of erstwhile Dumraon Raj and former Member of Parliament, passed away today, in Buxar.
— ANI (@ANI) January 5, 2020
कमल सिंह आजादी के बाद पहले आम चुनाव में शाहाबाद से सांसद निर्वाचित हुए थे। साल 1957 में दूसरे आम चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया. यहां से भी जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा में भेजा. कमल सिंह ने पुराने शाहाबाद जिले (अब बक्सर, सासाराम, भोजपुर, कैमूर) के अलावा उतर प्रदेश के इलाके में खास तौर पर शिक्षा एवं स्वास्थ के क्षेत्र में मुक्त हस्त से जमीन और संसाधन दान दिए.