मनी लॉन्ड्रिंग मामला: गिरफ्तार कॉरपोरेट लॉबिस्ट दीपक तलवार ने CBI कोर्ट में दाखिल की जमानत याचिका
भारत सरकार ने हाल ही में बिचौलिए दीपक तलवार को प्रत्यर्पित किया था. सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तलवार से अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस द्वारा बैंक ऑफ सिंगापुर में जमा कराए गए कथित 270 करोड़ रुपये के संबंध में पूछताछ रही है.
भारत सरकार ने हाल ही में बिचौलिए दीपक तलवार को प्रत्यर्पित किया था. सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तलवार से अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस द्वारा बैंक ऑफ सिंगापुर में जमा कराए गए कथित 270 करोड़ रुपये के संबंध में पूछताछ रही है. तलवार के NGO को 88 करोड़ रुपये मिले थे. इसी बीच तलवार ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सीबीआई जज के सामने जमानत याचिका दाखिल की है. मिली जानकारी के अनुसार तलवार के यूपीए शासन में बड़े-बड़े मंत्रियों और नौकरशाहों से संबंध थे.
बता दें कि 31 जनवरी को अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) तलवार को दुबई से प्रत्यर्पित करके भारत लाई थी. तभी से तलवार को दिल्ली की एक अदालत ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 12 फरवरी तक के लिए ईडी की हिरासत में भेजा हुआ है. उसके खिलाफ धन शोधन निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज है. सूत्रों के अनुसार ईडी को 2008 और 2012 के बीच बैंक ऑफ सिंगापुर में जमा हुए डॉलर 55 मिलियन का विवरण मिला है. यह पैसा कथित तौर पर उन कंपनियों के अकाउंट में जमा हुआ है जिनका नियंत्रण या स्वामित्व तलवार के पास है.
विमानन क्षेत्र के सौदे में दलाली का आरोप
भारतीय एजेंसियों द्वारा तलवार के खिलाफ 1,000 करोड़ रुपये से अधिक की आय छुपाने और संप्रग कार्यकाल के दौरान विमानन क्षेत्र में कांट्रेक्ट दिलवाने के मामले की जांच शुरू करने के बाद, वह दुबई भाग गया था. उसपर विमानन क्षेत्र के सौदे में दलाली करने, विदेशी कंपनियों के लिए सरकारी मंजूरी लेने, क्लाइंटों को फायदा पहुंचाने और संप्रग के दौरान रहे अधिकारियों से संबंध रखने के आरोप हैं. यह भी पढ़ें- कांग्रेस का मिशन 2019: प्रियंका गांधी आज लखनऊ में भरेंगी हुंकार, राहुल-सिंधिया के साथ चार घंटे का रोड शो
कॉरपोरेट लॉबिस्ट तलवार को नागरिक उड्डयन हलकों में अपनी पहुंच के लिए जाना जाता है. उससे ईडी पूछताछ कर रही है ताकि उस पैसे का पता लग सके जिन्हें कि तलवार नियंत्रित संस्थाओं के बैंक अंकाउट से निकाला गया था और राजनेताओं, अधिकारियों में बांटा गया था. इन राजनेताओं और अधिकारियों पर शक है कि उन्होंने नियमों को ताक पर रखकर विशिष्ट विदेशी विमान निर्माता या एयरलाइंस को फायदा पहुंचाने में भूमिका निभाई थी.
एजेंसी के पास मौजूद विवरण के अनुसार तलवार की कंपनी को पहला भुगतान एमिरेट्स ने 3 जून, 2008 को बैंक ऑफ सिंगापुर में 23 मिलियन डॉलर का किया था. इसके दो महीने बाद उसी एयरलाइन ने तलवार के नियंत्रण और स्वामित्व वाली कंपनी के बैंक ऑफ सिंगापुर के अकाउंट में 11 मिलियन डॉलर ट्रांसफर किए.लगभग इसी समय के दौरान एयर अरेबिया ने बैंक ऑफ सिंगापुर में 5.8 मिलियन डॉलर जमा करवाए. कतर एयरवेज ने 27 फरवरी 2008 को 9.6 डॉलर और एयर एशिया ने 1 जून 2009 को 1.5 मिलियन डॉलर जमा करवाए. एयरबस ने अगस्त और सितंबर में दो बार में 10.5 मिलियन डॉलर जमा किए.