कोरोना संकट: प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- उनसे नहीं वसूला जाना चाहिए बस या ट्रेन का किराया

देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते 24 मार्च से ही लॉकडाउन चल रहा है. इसके साथ ही कोविड-19 से संक्रमितों की संख्या भी रोजाना बढ़ रही है. लॉकडाउन का सबसे अधिक असर प्रवासी मजदूरों पर पड़ा है. आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे ये मजदुर अपने गृह राज्य लौटने को मजबूर हैं. देश के कई हिस्सों में फंसे इन मजदूरों का पैदल भी पलायन जारी है.

प्रवासी मजदूर | प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस (Coronavirus Pandemic) महामारी के चलते 24 मार्च से ही लॉकडाउन चल रहा है. इसके साथ ही कोविड-19 (COVID-19) से संक्रमितों की संख्या भी रोजाना बढ़ रही है. लॉकडाउन (Lockdown in India) का सबसे अधिक असर प्रवासी मजदूरों (Migrants Workers) पर पड़ा है. आर्थिक परेशानी का सामना कर रहे ये मजदुर अपने गृह राज्य लौटने को मजबूर हैं. देश के कई हिस्सों में फंसे इन मजदूरों का पैदल भी पलायन जारी है. रेलवे की तरफ से विशेष ट्रेनें भी चलाई जा रही है. दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों को लेकर देश में राजनीति शुरू है. इसी कड़ी में अब देश की सबसे बड़ी अदालत ने प्रवासी मजदूरों के मामले में संज्ञान लिया है. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सरकार को निर्देश दिया है कि वे इन मजदूरों को घर भेजने के लिए उनसे बस या रेल किराया न वसूले.

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि प्रवासी मजदूरों के किराये की व्‍यवस्‍था सरकार करें.इस मामले की अगली सुनवाई अब 5 जून को होने वाली है. लॉकडाउन के कारण शहरों से पैदल या फिर साइकिल पर अपने गृह राज्य लौट रहे प्रवासी मजदूरों की समस्या को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही मामले का संज्ञान लिया है. यह भी पढ़ें-प्रवासी श्रमिकों की समस्या पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता, केंद्र सरकार को नोटिस जारी, 28 मई को होगी सुनवाई

ANI का ट्वीट-

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हमने नोटिस किया है कि प्रवासी मजदूरों के रजिस्ट्रेशन, परिवहन और उन्हें खाना-पानी देने की प्रक्रिया में भी बाहर सारी उलझनें है. इसके साथ ही जो भी प्रवासी मजदूर अपने घरों की तरफ पैदल जा रहे हैं उन्हें तुरंत खाना और रहने की जगह मुहैया कराई जाए.

मोदी सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि कुछ खास जगहों पर कुछ घटना हुई है जिससे प्रवासी मजदूरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है. लेकिन हम शुक्रगुजार हैं कि आपने इस मसले का संज्ञान लिया है. उन्होंने कोर्ट में बताया कि मजदूरों के लिए सरकार की तरफ से सैकड़ों ट्रेनें चलाई गई हैं. साथ ही उनके खानें-पीने का भी इंतजाम किया गया है.

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