Coronavirus Scare: कोरोना वायरस के खौफ के बीच क्या बस, ट्रेन और मेट्रो में सफर करना है सुरक्षित ?

खतरनाक कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के चलते लोग घरों से निकलने से पहले यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर वो मेट्रो, ट्रेन, बस और टैक्सी जैसे सार्वजनिक परिवहनों में सफर करें तो कैसे? दरअसल, सार्वजनिक परिवहन साधनों से सफर करने के दौरान भीड़ में यह तय कर पाना मुश्किल है कि उनमें संक्रमित कौन है और कहीं हम तो संक्रमित नहीं हो जाएंगे.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: PTI)

Coronavirus Scare: नोवेल कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा दिया है और आलम तो यह है कि भारत में लगातार इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां कोविड-19 (COVID-19) के मामलों की संख्या बढ़कर 170 हो गई है, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई है. स्वास्थ्य के लिए सबसे बड़े संकट बनकर उभरे कोरोना वायरस के खौफ (Cornavirus Scare) के चलते उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और राजस्थान (Rajasthan) सहित कई राज्यों में धारा 144 लागू कर दी गई है और बोर्ड परीक्षाओं को बंद कर दिया गया है. इस खतरनाक महामारी के प्रकोप के चलते लोग घरों से निकलने से पहले यह सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि आखिर वो मेट्रो (Metro), ट्रेन (Train), बस (Bus) और टैक्सी (Taxi) जैसे सार्वजनिक परिवहनों में सफर करें तो कैसे?

दरअसल, सार्वजनिक परिवहन साधनों से सफर करने के दौरान भीड़ में यह तय कर पाना मुश्किल है कि उनमें संक्रमित कौन है और कहीं हम तो संक्रमित नहीं हो जाएंगे. जी हां, कोरोना वायरस के खौफ के बीच इस तरह का सवाल मन में उठना लाजमी है. चलिए जानते हैं बस, ट्रेन, मेट्रो जैसे सार्वजनिक साधनों से सफर करना कितना सुरक्षित या खतरनाक हो सकता है? यह भी पढ़ें: Coronavirus: संक्रमण के बाद व्यक्ति के शरीर में कई हफ्तों तक जिंदा रह सकता है कोरोना वायरस

ऐसे फैलता है यह संक्रमण

कोरोना वायरस को लेकर हुए कई शोधों में यह स्पष्ट किया गया है कि कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से हवा में फैले या किसी सतह पर गिरे थूक के छींटों के संपर्क में आने से यह संक्रमण फैल सकता है. ऐसे में सार्वजनिक यातायात के साधनों से सफर करने के दौरान इससे संक्रमित होने का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है. आमतौर पर कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति को भी कई दिनों तक इसका पता नहीं चल पाता है और ऐसे में अगर उसके थूक की छींटे ट्रेनों, बसों और मेट्रो के हैंडल, सीटों या दरवाजों पर पड़ते हैं तो इसके संपर्क में आने से दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो सकता है. विशेषतज्ञों का कहना है कि अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के बहुत पास हैं तो आप इस वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

भीड़ में संक्रमण का खतरा ज्यादा

ब्रिटेन के नेशनल हेल्थ सर्विस के दिशा निर्देशों के अनुसार, संक्रमित व्यक्ति से हमें कम से कम दो मीटर की दूरी में रहना चाहिए, लेकिन भारत में ट्रेन और बसें अक्सर लोगों से खचाखच भरी होती हैं. ऐसे में एक-दूसरे से दो मीटर की दूरी रखना संभव नहीं है. इस स्थिति में साफ है कि जो लोग बस, मेट्रो, ट्रेन इत्यादि से रोजाना सफर करते हैं उनके इस वायरस की चपेट में आने का खतरा अधिक है. हालांकि यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप जिस बस, ट्रेन या मेट्रों में सफर कर रहे हैं वो कितनी भरी है और उसमें कोई संक्रमित व्यक्ति सफर कर रहा है या नहीं. यह भी पढ़ें: Coronavirus: संक्रमित व्यक्ति से उचित दूरी रखने पर मास्क लगाना जरूरी नहीं, जानें लक्षण, बचाव समेत COVID-19 से जुड़ी हर अहम जानकारी

गौरतलब है कि कोरोना वायरस से सुरक्षा ही इससे बचने का सबसे कारगर तरीका है, लेकिन अगर आप सार्वजनिक साधनों का उपयोग सफर करने के लिए करते हैं तो यह नुकसानदायक साबित हो सकता है. ऐसे में अगर बहुत जरूरी न हो तो सार्वजनिक साधनों से सफर करने से बचें या फिर ऐसे समय में सफर करें जब ट्रेन, बसों और मेट्रों में भीड़ कम होती है, क्योंकि जितनी ज्यादा भीड़ में आप सफर करेंगे आपमें संक्रमण होने का खतरा उतना ही ज्यादा होगा.

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