कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) मे कोविड-19 (COVID-19) पीड़ित लोगों की संख्या एक हजार के करीब पहुंच गई है. इस बीच सूबे की ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) सरकार को कोरोना वायरस से निपटने में फेल बताते हुए अंतर मंत्रालयी केन्द्रीय दल (आईएमसीटी) ने राज्य में संक्रमितों के मृत्यु दर पर चिंता जताई है. साथ ही आरोप लगाया कि ममता सरकार ने आईएमसीटी (Inter-Ministerial Central Team) को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए राज्य में सहयोग भी नहीं दिया.
आईएमसीटी (IMCT) के मुताबिक पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस संक्रमण से होने वाली मौतों की दर देश में सबसे अधिक है. पश्चिम बंगाल में कोविड-19 पीड़ित 12.8 प्रतिशत मरीज दम तोड़ रहे है. इस सिलसिले में आईएमसीटी के सदस्य अपूर्व चंद्रा ने राज्य के मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को एक पत्र लिखा है. पश्चिम बंगाल में एकल शराब दुकानों को मिली खुलने की इजाजत
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली लौटने से पहले लिखे पत्र में चंद्रा ने कहा, ‘‘ यह उच्च मृत्यु दर जांच में कमी अैर कमजोर निगरानी को दर्शाती है.’’ चंद्रा ने कहा कि मेडिकल बुलेटिन में राज्य द्वारा बताए गए कोविड-19 के मामलों और केन्द्र सरकार को दी गई जानकारी में अंतर है. कोलकाता और सिलीगुड़ी में आईएमसीटी ने अपूर्व चंद्रा के नेतृत्व में दो सप्ताह तक रूककर स्थिति का आकलन किया.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव ने कहा था कि अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम कहीं भी जाने को स्वतंत्र है और राज्य सरकार उसके साथ जाकर अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती. वहीं राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोविड-19 से निपटने की राज्य की तैयारियों को देखने के लिए आईएमसीटी भेजने का विरोध किया था.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सोमवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम बंगाल में कोविड-19 से अब तक 35 लोगों की मौत हुई है. जबकि प्रदेश में महामारी के संक्रमण के नये मामलों के साथ कुल मरीजों की संख्या 963 है. राज्य के विभिन्न अस्पतालों से इलाज के बाद 151 कोरोना मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है.