COVID-19 के प्रकोप के कारण देश में कम हुई अन्य वजहों से मौत, देखें चौंकाने वाले आंकड़े
वैश्विक महामारी कोरोना और जिंदगी के बीच पिछले कुछ माह से जंग जारी है. संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े लोगों को डरा रहे हैं. पर इन सबके बीच एक उजला पक्ष भी है. कोरोना ने लोगों की जिंदगी बदल दी, सड़कों पर बेवजह निकलना कम हो गया. खानपान पर लोग ध्यान देने लगे और सेहत के प्रति फिक्रमंद हो गए.
नई दिल्ली: वैश्विक महामारी कोरोना और जिंदगी के बीच पिछले कुछ माह से जंग जारी है. संक्रमण से होने वाली मौतों के आंकड़े लोगों को डरा रहे हैं. पर इन सबके बीच एक उजला पक्ष भी है. कोरोना ने लोगों की जिंदगी बदल दी, सड़कों पर बेवजह निकलना कम हो गया. खानपान पर लोग ध्यान देने लगे और सेहत के प्रति फिक्रमंद हो गए. इसका सबसे अच्छा परिणाम जो देखने को मिला वो ये की इस बीच कोरोना के इतर होने वाली मौतों का आंकड़ा घट गया. सामान्य बीमारी और सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतें कम हुई. विभिन्न अस्पतालों और स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राप्त आंकड़े यही बता रहे हैं.
सिर्फ उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां जनवरी से जून में पिछले साल 47,9383 लोगों की बीमारी व अन्य कारणों से जान गई थी. इसकी तुलना में इस साल सिर्फ 29,1387 लोगों की मौत हुई हैं. जनवरी से अगस्त तक के तीन साल के आंकड़े इस बात के सबूत हैं. सरकार द्वारा दिए गये आंकड़े के अनुसार, "सन 2018 में सरकारी अस्पतालों, सैनिक अस्पताल और रेलवे अस्पताल में नन-कोविड मौतों की कुल संख्या 51,439 थी। 2019 में यह संख्या 47,939 थी, पर इस साल यह घटकर 24,964 पर आ गयी. इसी तरह की कमी समग्रता में भी देखी गयी. मसलन पिछले साल जनवरी से जून के बीच प्रदेश में कुल 49,7383 मौतें हुई. इसी समयावधि में इस साल यह संख्या 29,1387 रही. हालांकि माहवार इस संख्या में विचलन है, पर समग्रता में मृत्युदर में ये कमीं एक सुखद संकेत है. खासकर सेहत के प्रति लोगों के बदलते नजरिया के मद्देनजर यह बदलाव दिखा है." यह भी पढ़े: विदेश की खबरें | डब्ल्यूएचओ ने किया कोविड-19 महामारी के संबंध में अनुकूल संदेश का आह्वान
गोरखपुर के चेस्ट स्पेशलिस्ट डॉ. वीएन अग्रवाल ने बताया, "सबसे कम मौतें तब हुई, जब लॉकडाउन पूरी सख्ती से लागू था. आवागमन बंद होने से सड़क हादसों में होने वाली मौतों का न होना भी इसकी एक बड़ी वजह रही. पर्यावरण प्रदूषण से होने वाली मौतें भी घट गई. सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण दिल के रोगियों की भी मृत्यु दर घटी है. यह एक शुभ संकेत है." वर्ष 2019 और 20 में जनवरी से जून के दौरान हुई मौतें का ब्यौरा इस प्रकार से है. राज्य सरकार द्वारा दिए गये आंकड़े के अनुसार, "जनवरी 2019 में 89,515 मौते हुई जबकि 2020 में 84,217 मौतें हुई. इसी प्रकार फरवरी 2019 में 87,830 की मृत्यु हुई थी, 2020 में यह आंकड़ा 56,431 रहा. मार्च 2019 में 82,830 तो 2020 में 42,692, अप्रैल 2019 में 69,550 मौतें हुई तो अप्रैल 2020 में 20,838. मई 2019 में 70,181 तो मई 2020 में 32,085. इसके अलावा जून 2019 में 79,325 जबकि 2020 में महज 55,124 मौतें हुई हैं."