देश में विकसित किए जा रहे कोरोना से बचाव के लिए दो वैक्सीन का जल्दी ही मानव ट्रायल शुरू हो जाएगा. इस संबंध में भारत बायटेक और मेसर्स कैडिला को मानव ट्रायल की अनुमति दे दी गई है.गुरुवार को भारतीय आयुर्विज्ञान चिकित्सा परिषद (आईसीएमआर) की वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. निवेदिता गुप्ता (Dr Nivedita Gupta) ने बताया कि स्वदेश में विकसित की जा रही वैक्सीन का लाभ नागरिकों को मिले, इसके लिए यह जरूरी है कि इसे फास्ट ट्रैक किया जाए.
आईसीएमआर के महानिदेशक ने जून के पहले हफ्ते में सभी स्टेकहोल्डर को पत्र लिख कर मानव ट्रायल में तेजी लाने को कहा था. वैक्सीन विकसित करने के लिए किए जाने वाले मानव ट्रायल के लिए छह से एक साल का वक्त लगता है, लेकिन महानिदेशक द्वारा लिखे गए पत्र में 15 अगस्त तक ट्रायल पूरा करने की बात कही गई थी.तभी से कयास लगाए जाने लगे कि देश में 15 अगस्त तक कोरोना से बचाव की वैक्सीन आ जाएगी. इसके साथ सवाल भी उठने लगे थे कि क्या यह वैक्सीन लोगों के लिए सुरक्षित होगी जो इतनी जल्दी में तैयार की जा रही है.हालांकि आईसीएमआर ने साफ कहा कि वैक्सीन लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही तैयार की जा रही है. यह भी पढ़े: COVID-19 Vaccine: कोरोना की देसी वैक्सीन COVAXIN को 15 अगस्त को किया जा सकता है लॉन्च, ह्यूमन ट्रायल जल्द होगा शुरू
डॉ. निवेदिता ने बताया कि मौजूदा समय में देश में 2.6 लाख सैंपल टेस्ट प्रति दिन किए जा रहे हैं. इसके लिए लैब की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. अब देश में 1132 लैब स्थापित किए जा चुके हैं। इसके साथ ज्यादा से ज्यादा निजी लैब को अनुमति मिले इसके लिए उन्हें एनबीएल सर्टीफिकेट लेने को कहा गया है.इसके साथ एंटीजन टेस्ट को भी तेज करने को कहा गया है. देश में प्रति दिन 3 लाख एंटीजन टेस्ट किट्स तैयार करने की क्षमता है, इसके लिए 10 भारतीय मैन्यूफैक्चरर भी तैयार हैं.
देश में नहीं हुआ है कम्युनिटी ट्रांसमिशन
स्वास्थ्य विभाग की प्रेसवार्ता में केन्द्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के ओएसडी राजेश भूषण ने कहा कि भारत में अभी कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। हालांकि जिस तरह से संकमण बढ़ रहा है, उसके प्रसार का पता लगाने के लिए आईसीएमआर देश भर में फिर से सीरो सर्वे करेगा। आईसीएमआर ने इससे पहले भी देश के कुछ क्षेत्रों में सीरो सर्वे किया था जिसमें 0.73 प्रतिशत लोगों में संक्रमण पाया गया था.
उन्होंने बताया कि राजधानी दिल्ली में भी 22 जून से 5 जुलाई तक 22 हजार लोगों के सैंपल के साथ सीरो सर्वे किया गया। सर्वे के नतीजों का आंकलन किया जा रहा है। जल्दी ही नतीजे सभी के सामने आएंगे। यह सर्वे दिल्ली में कोरोना का प्रसार की गति का पता लगाने के लिए किया गया है। पिछले कुछ दिनों में दिल्ली में कोरोना की जांच तेजी से बढ़ाई गई है। जिसके नतीजे सभी के सामने हैं। कोरोना के मरीजों की संख्या घटी है। पहले दिल्ली में केवल 8 हजार टेस्ट किए जा रहे थे, अब यह संख्या बढ़ाकर 40 हजार कर दिए गए हैं.इससे मरीजों का पता लगा कर उन्हें अलग कर उनका इलाज किया जा रहा है.
क्या हवा में फैलता है कोरोना
संक्रमण के हवा से फैलने के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन की हाल की रिपोर्ट पर राजेश भूषण ने कहा कि कोरोना बीमारी के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिली है लेकिन यह बीमारी हवा से कुछ हद तक तो फैलती है। इसलिए भारत सरकार ने तो शुरू से ही लोगों को मास्क पहनना, दो गज की दूरी बनाए रखना, हाथ धोने जैसे उपाय के बारे में जागरूक किया है। इससे हवा में वायरस के कण से लोगों का बचाव हो सकेगा.