कांग्रेस आगामी चुनावों के लिए करेगी मंथन, लेकिन राह नहीं आसान
कांग्रेस (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 17 अप्रैल : चुनावों में लगातार हार का सामना करने वाली कांग्रेस अगले महीने पार्टी के भविष्य की योजना पर विचार करने के लिए चिंतन शिविर आयोजित करने की तैयारी कर रही है. मंथन सत्र के लिए मुख्य विषय हाल के पांच राज्यों में चुनावी झटका है, जहां कांग्रेस को एक बार फिर मायूसी हाथ लगी है, जबकि भाजपा अपने सभी चार राज्यों को बरकरार रखने में कामयाब रही. वहीं कांग्रेस पंजाब में आप की सुनामी में बह गई.

कांग्रेस राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर को शामिल करने की कोशिश कर रही है और शनिवार को उन्होंने 2024 के चुनावों के लिए एक विस्तृत रोडमैप पेश किया. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने किशोर के सुझावों पर गौर करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है. महासचिव, संगठन, के.सी. वेणुगोपाल ने कहा, "प्रशांत किशोर ने 2024 के चुनाव पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी है और कांग्रेस अध्यक्ष ने इसे देखने और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट करने के लिए एक छोटा समूह नियुक्त किया है और उसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा." एजेंडा पर चर्चा और अंतिम रूप देने के लिए कांग्रेस नेता अनौपचारिक रूप से बैठक कर रहे हैं. इस साल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में प्रमुख परीक्षा होगी, फिर कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 2023 में चुनाव होंगे. ये प्रमुख राज्य हैं जहां कांग्रेस को बेहतर प्रदर्शन करने और चुनौती देने के लिए चुनाव जीतना होगा.

कांग्रेस जानती है कि आगे की राह आसान नहीं है, क्योंकि भाजपा अपने पत्ते सावधानी से खोलने की कोशिश कर रही है. हालिया हिंसा उन राज्यों में कांग्रेस की संभावनाओं को प्रभावित कर सकती है जहां वह ध्रुवीकरण के एजेंडे का मुकाबला करने में सक्षम नहीं है. सोनिया गांधी ने हाल ही में कहा था कि आगे की राह पहले से कहीं ज्यादा चुनौतीपूर्ण है. पार्टी अब आर्थिक मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है और जनता में आकर्षण नहीं होने के बावजूद पार्टी ने ईंधन और एलपीजी की कीमतों में वृद्धि और बढ़ती कीमतों के मुद्दों को उठाया है. कांग्रेस के कुछ नेता निजी तौर पर स्वीकार करते हैं कि जनता को महंगाई की परवाह कम है और भाजपा का ध्रुवीकरण का एजेंडा पटरी पर है और कांग्रेस को लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक नया नैरेटिव तैयार करना होगा. यह भी पढ़ें : राज ठाकरे पर संजय राउत ने साधा निशाना, कहा- ‘न्यू हिंदू ओवैसी’ से बीजेपी करवाना चाहती है UP चुनाव जैसा काम

महंगाई के मुद्दे पर कांग्रेस केंद्र पर हमला करती रही है. विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि महंगाई पिछले 17 महीनों में अपने उच्चतम स्तर पर है और प्रधानमंत्री को अपना 'अच्छे दिन' वाला बयान वापस लेना चाहिए. कांग्रेस महंगाई को लेकर सरकार पर निशाना साधती रही है और ऊंची कीमतों के लिए इसे सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, "सरकार को महंगाई और बेरोजगारी पर बुलडोजर चलाना चाहिए लेकिन इसके बजाय डर पैदा करने के लिए बीजेपी का बुलडोजर नफरत से चलाया जाता है."

"महंगाई और बेरोजगारी ने देश में लोगों को जकड़ लिया है और सरकार को इन समस्याओं पर बुलडोजर चलाना चाहिए लेकिन भाजपा का बुलडोजर डर पैदा करने के लिए नफरत से प्रेरित है." सोनिया गांधी ने 5 अप्रैल को संसदीय दल को संबोधित करते हुए कहा था कि लोकतंत्र के लिए पार्टी का पुनरुद्धार आवश्यक है और चुनाव के परिणाम 'चौंकाने वाले' और 'दुखद' हैं. उसने कहा था कि एक रोडमैप तैयार करना महत्वपूर्ण है और उसके लिए एक 'शिविर' (बैठक) आयोजित की जानी चाहिए.