China New Map: चीन के नए नक्शे पर भड़की कांग्रेस, सरकार को भी सुनाई खरी-खरी; दी ये सलाह
PM मोदी और शी जिनपिंग (Photo Credit: ANI)

नई दिल्ली: चीन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपने 'मानक मानचित्र' के 2023 (Standard Map 2023) संस्करण को जारी किया जिसमें अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन क्षेत्र, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर पर उसके दावों सहित अन्य विवादित क्षेत्रों को शामिल किया गया है. जबकि भारत ने बार-बार कहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा. चीन के इस नक्शे को लेकर विवाद खड़ा हो गया. इस नक्शे पर अब कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि चीन के दावे बेतुके हैं और यह चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित है. शांति की बातें करने वाले चीन की खुली पोल, नए नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को बताया अपना हिस्सा.

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tewari) ने मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार को आत्मनिरीक्षण करने की सलाह दी कि क्या अगले महीने नई दिल्ली में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit) में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मेजबानी करना उचित होगा.

चीनी दावे की बेतुके

कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, “चीनी दावे की बेतुकी और निरर्थकता चीन-भारत सीमा विवाद के इतिहास से प्रमाणित होती है...आज, भारत और चीन के बीच असली मुद्दा यह है कि उन्होंने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर कई बिंदुओं पर अतिक्रमण किया है.” इन परिस्थितियों में, सरकार को गंभीरता से आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि क्या दिल्ली में उस व्यक्ति (चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग) का स्वागत करना भारत के स्वाभिमान के अनुरूप होगा, जिसने सीमा के पास दो हजार वर्ग किलोमीटर भारतीय क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है.

मनीष तिवारी ने कहा, पहले कब्जाए क्षेत्रों को खाली कराने की जरूरत है. अगर संक्षेप में कहूं तो चीनी मानचित्र बेतुके हैं. ये भारत-चीन सीमा विवाद के इतिहास से मेल नहीं खाते हैं, चीन का अरुणाचल प्रदेश पर कोई दावा नहीं है.

ग्लोबल टाइम्स ने शेयर किया चीन का नया मैप

चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने एक्स (पूर्व में टि्वटर) पर लिखा, ‘‘चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया और प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे जारी किया गया. यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है.’’