कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि "गुलाम नबी आज़ाद के पत्र के गुण-दोष में नहीं जाना चाहता हूँ, वह समझाने की सबसे अच्छी स्थिति में होंगे पार्टी के बारे में "ज्ञान" दें यह हंसी का पात्र है" हमें किसी से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, मैंने इस पार्टी को 42 साल दिए हैं और मैं यह पहले भी कह चुका हूं, " हम सदस्य हैं हम इस संस्था (कांग्रेस) के किरायेदार नहीं हैं," अब अगर आप हमें बाहर निकालने की कोशिश करेंगे तो यह दूसरी बात है, और यह देखा जाएगा. यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi के खिलाफ मानहानि मामले में बयान दर्ज कराने के बाद Sushil Modi ने कहा- Congress एक डूबता जहाज
2 साल पहले, हम में से 23 ने सोनिया गांधी को लिखा था कि पार्टी की स्थिति चिंताजनक है और इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए, उस पत्र के बाद कांग्रेस सभी विधानसभा चुनाव हार गई, अगर कांग्रेस और भारत एक जैसे सोचते हैं, तो लगता है कि दोनों में से किसी एक ने अलग सोचना शुरू कर दिया है
ऐसा लगता है कि 1885 से मौजूद भारत और कांग्रेस के बीच समन्वय में दरार आ गई है, आत्मनिरीक्षण की जरूरत थी मुझे लगता है कि 20 दिसंबर 2020 को सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में सहमति बन गई होती तो यह स्थिति नहीं आती.
ट्वीट देखे:
#WATCH | We do not need any certificate from anyone. I've given 42 years to this party. I've said this before, "We are not tenants of this institution (Congress), we're a member". Now if you try to push us out, then that is another matter, & it will be seen: Congress MP M Tewari pic.twitter.com/4NkKOXUrU9
— ANI (@ANI) August 27, 2022