1984 सिख विरोधी दंगे: कांग्रेस नेता सज्जन कुमार 34 साल बाद दोषी करार, अदालत ने सुनाई उम्रकैद की सजा
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी करार कर दिया है. इससे पहले निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया था
दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुनाते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों ( 1984 anti-Sikh riots) के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार (Sajjan Kumar) को दोषी करार कर दिया है. इससे पहले निचली अदालत ने फैसला सुनाते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी कर दिया था. इसके बाद निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में कई याचिकाएं दाखिल की गई थी. हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीड़ितों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था.
बता दें कि इस मामले की सुनवाई में दिल्ली हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सज्जन कुमार को आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भड़काने का दोषी पाया गया है. जिसके बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया. 1984 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सिख सुरक्षा गार्डो द्वारा हत्या के बाद आक्रोश में सिख समुदाय को निशाना निशाना बनाया गया था.
वहीं इस हिंसा में दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक ही परिवार के पांच सदस्यों को मार दिया गया था. जिसके बाद सज्जन कुमार आरोपी थे और अब उन्हें दोषी करार दिया गया है. वहीं अदालत के इस फैसले के बाद मृतकों के परिवार वालों ने खुशी जताई है. उन्होंने फांसी की भी मांग की.