पेट्रोल और डीजल की कीमतों को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर वॉर, एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने का फैसला वापस लेने के लिए कहा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को मोदी सरकार पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. दरअसल केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद कर (Excise Duty) में भारी बढ़ोतरी की.
नई दिल्ली: कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने बुधवार को मोदी सरकार पर पेट्रोल (Petrol) और डीजल (Diesel) की कीमतों को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए हमला बोला है. दरअसल केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले उत्पाद कर (Excise Duty) में भारी बढ़ोतरी की. हालांकि आज इसका असर दोनों इधनों के दामों पर नहीं पड़ा है.
केरल (Kerala) के वायनाड (Wayanad) से कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने आज दोपहर ट्वीट किया “कोरोना वायरस से जारी लड़ाई हमारे करोड़ों भाइयों और बहनों के लिए गंभीर आर्थिक कठिनाई का कारण बन रही है. इस समय, कीमतें कम करने के बजाय, पेट्रोल और डीजल पर 10-13 रुपये प्रति लीटर कर बढ़ाने का सरकार का निर्णय अनुचित है और इसे वापस लिया जाना चाहिए.” राहुल गांधी के खिलाफ ट्वीट : उच्च न्यायालय ने भाजपा अध्यक्ष के खिलाफ प्राथमिकी पर रोक लगाई
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संकट और लॉकडाउन के कारण राजस्व नुकसान की भरपाई करने के मकसद से केंद्र सरकार ने एक दिन पहले ही पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी (उत्पाद कर) 10 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर बढ़ाने का फैसला लिया. माना जा रहा तह कि उत्पाद कर में इतनी बड़ी वृद्धि से पेट्रोल और डीजल के दाम में तकरीबन दस रुपए का इजाफा हो सकता है. फिलहाल वाहन ईंधन के दाम में आज कोई वृद्धि नहीं होने से लोगों पर इसका भार नहीं पड़ा है.
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इंडियन ऑयल की वेबसाइट के अनुसार आज दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल का दाम अपने पिछले भाव क्रमश: 71.26 रुपये, 73.30 रुपये, 76.31 रुपये और 75.54 रुपये प्रति लीटर पर बना हुआ था. वहीं, चारों महानगरों में डीजल की कीमत भी क्रमश: 69.39 रुपये, 65.62 रुपये, 66.211 रुपये और 68.22 रुपये प्रति लीटर पर स्थिर है. मोदी सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपए और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई, ग्राहकों के लिए रिटेल दाम में नहीं होगा कोई परिवर्तन
दुनियाभर में मांग में भारी कमी होने के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें दो दशक के निचले स्तर पर चली गई हैं. जिसका फायदा उठाने के लिए मोदी सरकार ने लाभ उठाने के लिए सरकार ने उत्पाद कर बढ़ाने का फैसला लिया. इससे नकदी संकट से जूझ रही केंद्र सरकार को 1.6 लाख करोड़ अतिरिक्त राजस्व मिलने की उम्मीद है.