कांग्रेस ने तेलंगाना इकाई के लिए 27 उपाध्यक्षों और 69 महासचिवों की घोषणा की

हैदराबाद, 10 जून : अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) ने सोमवार को तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस कमेटी (टीपीसीसी) के 27 उपाध्यक्षों और 69 महासचिवों की घोषणा की. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने उपाध्यक्षों और महासचिवों की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. एआईसीसी महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने सोमवार रात सूची जारी की. ये नियुक्तियां पिछले छह महीने से लंबित थीं. यह एआईसीसी द्वारा टीपीसीसी की पांच समितियों की नियुक्ति के कुछ दिनों बाद आई है. उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए लोगों में कुछ सांसद, विधायक और एमएलसी शामिल हैं. नलगोंडा निर्वाचन क्षेत्र से सांसद के. रघुवीर रेड्डी को उपाध्यक्ष नामित किया गया है. विधायक नैनी राजेंद्र रेड्डी और डॉ. चिक्कुडु वामशी किर्हसना और एमएलसी बालमूर वेंकट और बसवराजू सरैया को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है एआईसीसी सदस्य और वर्तमान टीपीसीसी महासचिव कोटा नीलिमा को उपाध्यक्ष नामित किया गया है

अन्य उपाध्यक्षों में टी. कुमार राव, हनुमंदला झांसी रेड्डी, बंदी रमेश, कोंडरू पुष्पलीला, बी. कैलाश कुमार, नमिन्दला श्रीनिवास, अथराम सुगुना, गली अनिल कुमार, चितला सत्यनारायण, लकावथ धनवंती, एम. वेणु गौड़, कोटिमरेड्डी विनय रेड्डी, कोंडेती मल्लैया, एम.ए. फहीम, एस. सुरेश कुमार, बोंटू राममोहन, अफसर यूसुफ ज़ही, एस. जगदीश्वर राव, नवाब मुजाहिद आलम खान, गुम्माला मोहन रेड्डी और चिन्नापटाला संगमेश्वर हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने नियुक्तियों में पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों को उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया है. विधायक वेदमा बोज्जू, पर्णिका रेड्डी और मटका रागमयी पार्टी द्वारा नियुक्त 69 महासचिवों में से हैं. यह भी पढ़ें : Mohan Bhagwat Patna Visit: RSS प्रमुख मोहन भागवत आज से दो दिवसीय दौरे पर पहुंचेंगे पटना, चुनावी साल में यह उनका दूसरा बिहार दौरा

ये नियुक्तियां राज्य मंत्रिमंडल के विस्तार के एक दिन बाद की गईं, जिसमें तीन मंत्रियों को शामिल किया गया. जी विवेक वेंकटस्वामी, अदलुरी लक्ष्मण कुमार और वक्ति श्रीहरि ने मंत्री पद की शपथ ली यह मंत्रिमंडल का पहला विस्तार था, जिसका गठन 7 दिसंबर, 2023 को मुख्यमंत्री और 11 मंत्रियों के शपथ ग्रहण के साथ हुआ था. लंबे समय से लंबित यह विस्तार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा तीन मंत्रियों के नामों को मंजूरी दिए जाने के बाद हुआ. हालांकि मंत्रिमंडल में रिक्तियां हैं, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने तीन पद खाली रखने का फैसला किया है. राज्य में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 18 मंत्री हो सकते हैं.