चेन्नई, 5 जून: तमिलनाडु के कोयंबटूर में कुछ आतंकी तत्वों के फिर से संगठित होने को लेकर केंद्रीय और राज्य की खुफिया एजेंसियों से मिली गुप्त सूचना के बाद पुलिस अलर्ट पर है पुलिस प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन के कुछ पूर्व नेताओं और कार्यकर्ताओं की तलाश कर रही है जो जिले में कुछ लोगों से समन्वय स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं. यह भी पढ़े: Red Fort Attack Case: तिहाड़ जेल ने आतंकी की फांसी के लिए कोर्ट से किया आग्रह
14 फरवरी, 1998 को कोयम्बटूर में सिलसिलेवार बम विस्फोटों में 58 लोग मारे गए थे। एक घंटे के अंतराल में 11 जगहों और 12 किमी के दायरे में 12 विस्फोट हुए थे200 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे.विस्फोट भाजपा नेता और तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी को निशाना बनाकर किए गए थे, जो बाल-बाल बच गए थे.
हमले के पीछे आतंकवादी संगठन अल-उम्मा था और संगठन के संस्थापक एस ए बाशा सहित संगठन के कई नेताओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी 23 अक्टूबर 2022 को कार बम विस्फोट हुआ था। यह घटना दीवाली की पूर्व संध्या पर हुई थी। यह विस्फोट बाजार से बमुश्किल 100 मीटर की दूरी पर हुआ था.
एसए बाशा के भतीजे समेत सात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था और एनआईए ने इन लोगों से कई बार पूछताछ की थी पिछले सितंबर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर प्रतिबंध के बाद, संगठन के प्रमुख गुर्गों में से एक, केरल का रऊफ पकड़े जाने से पहले कोयम्बटूर में मौजूद था
कोयंबटूर सिटी पुलिस के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि पुलिस कस्बे में वाहनों की आवाजाही पर नजर रख रही है और केरल के पलक्कड़ जिले के सभी चेकपोस्टों पर नजर रखी जा रही है और वाहनों की जांच की जा रही है.