उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने लखनऊ में आयोजित Know Your Army Festival कार्यक्रम में भाग लिया. कार्यक्रम में उन्होंने कई हथियार देखे और उनकी खासियतों के बारे में सेना से जानकारी ली. सीएम योगी ने ट्वीटर पर कार्यक्रम की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं.
योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में कई हथियारों, टैंक और मिसाइलों के बारे में जानकारी हासिल की. आइए जानते हैं, उन्होंने कौन से हथियार देखे और उनकी खासियत क्या है? Ayodhya Ram Mandir: भव्य और एतिहासिक होगा राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह, 15-22 जनवरी तक होंगे ये कार्यक्रम; यहां देखें पूरा शेड्यूल
के9-वज्र टी तोप पर का लिया जायज
के9-वज्र टी 155 मिलीमीटर की सेल्फ प्रोपेल्ड आर्टिलरी है. भारतीय सेना ने ऐसे 100 तोप तैनात किए हैं. इसके अलावा बेड़े में 200 तोप शामिल किए जा सकते हैं. इस आर्टिलरी को दक्षिण कोरिया में बनाया गया है, लेकिन भारत में इसे देश की परिस्थितियों के हिसाब से बदल दिया गया है. यह काम भारत की कंपनी ही कर रही है.
लखनऊ में आज से आयोजित तीन दिवसीय 'Know Your Army Festival-2024' के उद्घाटन कार्यक्रम में सम्मिलित हुआ।
इस समारोह के माध्यम से हमारे युवाओं को भारतीय सेना को जानने और उनके शौर्य व पराक्रम से साक्षात्कार का अवसर प्राप्त होगा।
इस समारोह के लिए भारतीय सेना को हृदय से बधाई! pic.twitter.com/Pp1ECo28pN
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) January 5, 2024
के9-वज्र टी के गोले की रेंज 18 से 54 किलोमीटर तक है. यानि दूर बैठा दुश्मन इसके वार बच नहीं पाएगा. इसका इस्तेमाल अभी चीन के साथ हुए संघर्ष के दौरान भी किया गया था. इसमें 48 राउंड गोले स्टोर होते हैं. ऑपरेशनल रेंज 360 किलोमीटर और अधिकतम कति 67 किलोमीटर प्रतिघंटा है.
#WATCH | Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath inaugurates 'Know Your Army Festival' in Lucknow. pic.twitter.com/qnacC3iG9W
— ANI (@ANI) January 5, 2024
आकाश मिसाइल सिस्टम
देश में आकाश मिसाइल सिस्टम के 3 वैरिएंट हैं- पहला आकाश एमके- इसकी रेंज 30 किलोमीटर है. दूसरा आकाश एमके-2 - रेंज 40 किलोमीटर है. तीसरा आकाश-एनजी - रेंज 80 किलोमीटर है. आकाश-एनजी 20 किलोमीटर की ऊंचाई तक जाकर दुश्मन के विमान या मिसाइल को निशाना बनाकर नष्ट कर सकता है. इसकी गति 2.5 मैक यानी 3087 किलोमीटर प्रतिघंटा है. यानी एक सेंकेंड में करीब एक किलोमीटर की दूरी तय करता है. इसे भारतीय वायुसेना के लिए बनाया गया है.