उत्तर प्रदेश में कायम है सीएम योगी का जलवा, एक और बड़ी जीत के लिए तैयार है बीजेपी
योगी आदित्यनाथ (Photo Credits-ANI Twitter)

नई दिल्ली, 19 मार्च : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में यदि आज चुनाव हो जाए तो योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार राज्य में बड़ी जीत हासिल कर सकती है. मुख्यमंत्री योगी अभी अपने कार्यकाल के 4 साल पूरे कर रहे हैं. आईएएनएस सी-वोटर ट्रैकर के अनुसार, योगी अगर मार्च 2021 में चुनाव होता है तो 403 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में 289 सीटें जीत सकते हैं. हालांकि यह आंकड़ा 2016 के चुनाव से मिली सीटों से 36 कम है. वहीं सर्वे में सामने आया है कि समाजवादी पार्टी (सपा) 59 सीटों पर संभावित जीत के साथ राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी बन सकती है. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी (बसपा) को 38 सीटें मिल सकती हैं. जाहिर है यह सब भाजपा के लिए असल चुनौती साबित नहीं होंगी.

भाजपा और उसके सहयोगी के पास करीब 41 प्रतिशत वोट शेयर ले रहे हैं. वहीं अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली समाजवादी पार्टी 2016 के चुनावों की तुलना में 2.4 प्रतिशत ज्यादा वोट प्रतिशत हासिल कर रही है. जबकि मायावती की बसपा को 1.4 प्रतिशत वोट शेयर का नुकसान हो रहा है. इन दोनों पार्टियों का 2016 में वोट प्रतिशत क्रमश: 24.4 फीसदी और 20.8 प्रतिशत था. प्रियंका गांधी के नेतृत्व के बावजूद उत्तर प्रदेश में कांग्रेस खात्मा की ओर है. यहां 2016 में पार्टी को मिले 6.2 फीसदी वोट शेयर में और गिरावट आकर 5.9 प्रतिशत हो रहा है. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: 58.7 फीसदी लोगों का है मानना, योगी ने पूरे किए चुनावी वादे : सर्वे

जाहिर है इतने बड़े वोट शेयर के साथ भाजपा उत्तर प्रदेश में बहुत ही अच्छी स्थिति में है और मार्च 2021 में 289 सीटें जीतने का अनुमान लगा रही है. पिछले चुनाव की तुलना में 36 सीटें खोने के बाद भी राज्य में उसका दबदबा कायम है. सपा 2016 में जीती गई 47 सीटों की तुलना में 12 सीटें ज्यादा जीतकर विधानसभा में अपना आंकड़ा 59 सीटों तक ले जा रही है. जबकि पिछली बार 38 सीटें जीतकर तीसरी बड़ी पार्टी बनने वाली बसपा के हालात ठीक नहीं लग रहे हैं. उत्तर प्रदेश के चुनावी मैदान में प्रियंका के चेहरे पर वोट मांग रही कांग्रेस के लिए भी ज्यादा से ज्यादा 4 सीटें जीत पाने का अनुमान है. देश के सबसे बड़े राज्य से इतनी कम सीटें पाना कांग्रेस के लिए चिंताजनक है. जाहिर है उसे लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत से वापसी करने के लिए कोशिश करनी होगी.