कोलकाता, 10 जनवरी : तृणमूल कांग्रेस के भीतर बढ़ती अंदरूनी कलह और विभिन्न नेताओं के सार्वजनिक रूप से एक-दूसरे के साथ झगड़ने के बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को पार्टी प्रवक्ताओं की सूची में तत्काल बदलाव का निर्देश दिया. ममता ने यह भी सख्त निर्देश दिया है कि जिन लोगों के नाम नई सूची में शामिल किए जाएंगे, उन्हें छोड़कर किसी अन्य नेता को पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सार्वजनिक बयान देने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
उन्होंने यहां अपने आवास पर पार्टी संगठन की बैठक में इस फैसले की जानकारी दी. बैठक में मौजूद एक तृणमूल नेता ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को यह जिम्मेदारी सौंपी है. पार्टी नेता ने नाम जाहिर न करने की सख्त शर्त पर कहा, "अब यह देखना होगा कि सूची में कौन बना रहता है और किसके नाम सूची से हटा दिए जाते हैं. लेकिन ऐसा लगता है कि जिन चेहरों के नाम हालिया वाकयुद्ध में सामने आए थे, उनमें से कुछ को सूची से हटाया जा सकता है." यह भी पढ़ें : Ram Mandir Inauguration: स्मृति ईरानी ने राम मंदिर उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकराने पर कांग्रेस की आलोचना की
चूंकि नए साल का पहला दिन था और उसी दिन तृणमूल की 26वीं स्थापना वर्षगांठ भी थी, इसलिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए. उसी दौरान विभिन्न पार्टियों के नेताओं के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए. इन मतभेदों का मुख्य मुद्दा "पुराने नेताओं" और "नए चेहरों" के बीच की खींचतान है. पिछले साल अभिषेक बनर्जी पार्टी में नेतृत्व पदों पर बने रहने के लिए ऊपरी आयु सीमा तय करने को लेकर मुखर हो गए थे. उसके बाद से हल्की खींचतान शुरू हो गई थी, लेकिन नए साल के पहले दिन से यह तेज होने लगी है.