सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुरुवार को जस्टिस रिटायर्ड ए. के. पटनायक (Justice Retired AK Patnaik) को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) के खिलाफ कथित साजिश संबंधी एडवोकेट उत्सव बैंस (Utsav Bains) के दावों की जांच के लिए नियुक्त किया. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को निर्देश दिया कि जस्टिस पटनायक को जरूरत के समय हर तरह से सहयोग करें. कोर्ट ने कहा कि जस्टिस पटनायक सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के मसले पर गौर नहीं करेंगे. इसके अलावा कोर्ट ने कहा कि जस्टिस पटनायक की जांच के नतीजे सीजेआई रंजन गोगोई के खिलाफ शिकायत की जांच कर रही आंतरिक जांच समिति को प्रभावित नहीं करेंगे.
Supreme Court also asked the CBI Director and the IB Chief to co-operate with Justice AK Patnaik. https://t.co/OD3xQvdHXT
— ANI (@ANI) April 25, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जांच पूरी होने पर जस्टिस पटनायक सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट न्यायालय को सौंपेंगे. इसके बाद सारे मामले में फिर आगे सुनवाई होगी. दरअसल, एडवोकेट उत्सव बैंस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में सीजेआई रंजन गोगोई को फंसाने की साजिश और सुप्रीम कोर्ट में कथित रूप से बेंच फिक्सिंग के प्रयासों के बारे में दावे किए हैं. अब जस्टिस पटनायक एडवोकेट उत्सव बैंस के इन दावों की जांच करेंगे. यह भी पढ़ें- CJI रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करेगा जस्टिस एस. ए. बोबडे पैनल, 26 अप्रैल को होगी पहली सुनवाई
बता दें कि सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोपों की खबरें सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने 20 अप्रैल को ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से संबंधित अत्यधिक महत्व का सार्वजनिक मामला’ शीर्षक से सूचीबद्ध प्रकरण के रूप में अभूतपूर्व तरीके से सुनवाई की थी. इसके बाद ही एडवोकेट उत्सव बैंस ने कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर दावा किया था कि सीजेआई रंजन गोगोई को यौन उत्पीड़न के आरोप में फंसाने की बहुत बड़ी साजिश है.