चिया सीड्स : अमेरिका और चीन (America and China) के बाद अब भारत में भी चिया सीड्स की फसल (Chia Seeds Crop) लहलहा रही है. उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में किसान अब ‘चिया सीड्स’ की खेती कर रहे हैं. दरअसल, विदेशी बाजारों में चिया सीड्स को ‘सुपर फूड’ (Super Food) के नाम से जाना जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी है. याद हो, हाल ही में पीएम नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में चिया सीड्स की खेती करने वाले बाराबंकी के प्रगतिशील किसान कर्नल हरीश चंद का जिक्र किया था. अगर अब भी यदि आप नहीं समझ पाएं हैं कि आखिर क्या है चिया सीड्स और कैसे किसानों को इसकी खेती से लाभ होगा तो इसके बारे में नीचे विस्तार से पढ़ सकते हैं...
कम खर्च में अधिक आमदनी
इस बारे में कर्नल हरीश अन्य किसानों को सलाह देते हुए कहते हैं कि सभी को ऐसी खेती करनी चाहिए, जिससे कम खेत और कम खर्च में ज्यादा से ज्यादा मुनाफा कमाया जा सके और सरकार की मंशा के अनुरूप आय को बढ़ा सकें. चिया की खेती में भी कम खर्च में अधिक आमदनी होती है, इसके बीज भी हजार रुपये तक बिकते हैं.
चिया की खेती कर बाराबंकी का ये शख्स, किसानों के लिए बना नजीर
कर्नल हरीश की चिया सीड्स की खेती को देखने के लिए आस-पास के किसान आते हैं और जरूरी दिशा निर्देश और जानकारी जुटाते हैं, जिससे वो भी इसकी खेती कर सकें. वैसे, भारत में चिया की खेती का रकबा बढ़ता जा रहा है, बाराबंकी के अलावा यूपी के कई जिलों में अब इसकी खेती होने लगी है, क्योंकि इसकी लागत की तुलना में मुनाफा कमा सकते हैं.
चिया सीड्स की खेती कर कर्नल हरीश अब प्रदेश के किसानों के लिए नजीर बन चुके हैं.यह भी पढ़ें : Mango Leaves Benefits: किसी वरदान से कम नहीं हैं आम के पत्ते, जानें किन-किन रोगों के इलाज छिपे हैं इनमें
चिया सीड्स के सेवन से फायदा
चिया सीड्स में ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर होते हैं. इसके अलावा इसमें कैल्शियम, फाइबर, प्रोटीन और तमाम मिनरल्स जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. चिया के बीजों का सेवन करने से दिल व शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है. ऐसे में इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करें.इसे दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है. कई प्रकार की बीमारियों से बचाए रखने का गुण रखता है.
कैसे करें चिया सीड्स की खेती
>कृषि वैज्ञानिकों को कहना है कि इसकी खेती सभी तरह की भूमि में आसानी से की जा सकती है.
>हल्की-भुरभुरी मिट्टी में इसकी फसल ज्यादा अच्छी होती है.
>इसमें कीटनाशकों की ज्यादा आवश्यकता नहीं होती और गोबर की खाद भी इसमें काफी असरदार होती है.
>एक एकड़ के लिए करीब 4-5 किलो बीज की आवश्यकता होती है. इसके बाद प्रति एकड़ 7 क्विंटल की पैदावार मिलती है.
>अक्टूबर और नवंबर महीने में इसकी बुवाई की जाए तो अच्छा परिणाम आता है.
>फसल को खरपतवार प्रकोप से बचने के लिए खेत में पहले 2 बार हाथ की मदद से निराई-गुड़ाई करें.
>खेत में खाली स्थानों में पौधारोपण का कार्य भी रोपण के 10-15 दिन के अंदर कर लेना चाहिए
>इसकी खेती तैयार होने में 90-120 दिन लगते हैं. पौध रोपण के 40-50 दिन के अंदर फसल में फूल आ जाते हैं. 25-30 दिन में बीच ये बन कर तैयार हो जाते हैं.
>फसल तैयार होते समय पौधे और बालियां पीली पड़ने लगती हैं.
>फसल की कटाई-गहाई कर दानों की साफ-सफाई कर उन्हें सुखाकर बाजार में बेच दिया जाता है.
>चिया फसल से प्रति एकड़ 600-700 किग्रा उपज प्राप्त हो जाती है.
>खेती में प्रत्येक एकड़ में 30 हजार रुपये तक का खर्च आता है.
>अगर 6 क्विंटल की भी खेती होती है तो यह करीब 90 हजार रुपये में बिक जाता है. ऐसे में किसान को एक एकड़ में करीब 60 हजार रुपये तक की कमाई होती है.
चिया सीड्स की खेती करके किसान अधिक लाभ कमा सकते हैं, इसके लिए जरूरी है कि वह जागरूकता और तत्परता और कृषि विभाग से संपर्क करते रहें.