Chhattisgarh: रायपुर में जनजातीय साहित्य महोत्सव की धूम, CM भूपेश बघेल का यह अंदाज जीत लेगा दिल- Video

छत्तीसगढ़ के रायपुर में जनजाति साहित्य महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हो रहा यह जनजाति साहित्य महोत्सव 19 से 21 अप्रैल तक चलेगा.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Photo: Twitter)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के रायपुर (Raipur) में जनजाति साहित्य महोत्सव की शुरुआत हो चुकी है. मंगलवार 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन किया. पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में हो रहा यह जनजाति साहित्य महोत्सव 19 से 21 अप्रैल तक चलेगा. महोत्सव को लेकर सीएम भूपेश बघेल ने कहा, छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का पहली बार आयोजन हो रहा है. यह आयोजन सांस्कृतिक दृष्टि से अन्य समाजों और जनजातीय समाज के बीच निश्चित रूप से सेतु का काम करेगा. Chhattisgarh: सरगुजा-रायपुर में बनेगा लोककला एवं संस्कृति महाविद्यालय, राज्य में पर्यटकों को मिलेंगी बेहतरीन सुविधाएं: CM भूपेश बघेल.

इस महोत्सव में सीएम भूपेश बघेल आदिवासियों संग आनंद में झूमते नजर आए. महोत्सव के वीडियो खुद सीएम बघेल ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर शेयर किए हैं. एक वीडियो में सीएम भूपेश बघेल एक बच्चे को गोद में उठाते दिख रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए सीएम बघेल ने लिखा- बच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दो...

सीएम भूपेश बघेल ने शेयर किया वीडियो

एक अन्य वीडियो में सीएम बघेल आदिवासियों संग झूमते नजर आए. मुख्यमंत्री खुद "मुंडा बाजा' लेकर नृत्य करते दिखे. मुख्यमंत्री को थिरकता हुआ देखकर अन्य मंत्री भी खुद को रोक नहीं पाए और मुख्यमंत्री के साथ वे भी नाचने लगे. मुख्यमंत्री और मंत्री खूब देर तक आदिवासी धुन पर नाचते रहे. इनको देखकर अन्य लोग भी झूम उठे.

तीन दिवसीय राष्ट्रीय जनजातीय साहित्य महोत्सव का शुभारंभ करते हुए सीएम बघेल ने कहा कि जो प्रजातियां विलुप्त हो रही हैं, हमें उन्हें बचाना है. इसके लिए जनजातीय भाषा, संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण और संवर्धन की जरूरत है. सीएम ने कहा, हमारी सरकार ने जनजातियों की संस्कृति और सभ्यता के संरक्षण के लिए आदिवासी नृत्य महोत्सव का आयोजन कराया, जिसका स्वरूप अंतर्राष्ट्रीय हो गया. इससे देश-दुनिया के लोगों को छत्तीसगढ़ को जानने और समझने का मौका मिला है.

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