Chhattisgarh: राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव का हुआ आगाज, पारंपरिक वेशभूषा से सजे-धजे कलाकारों का लोकनृत्य देख हो जाएंगे मंत्रमुग्ध (VIDEO)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आगाज हो चुका है. उमंग एवं उत्साह से भरा यह महोत्सव देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर दे रहा है. प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक वेशभूषा से सजे-धजे कलाकारों का लोकनृत्य बहुत भव्य है.

आदिवासी नृत्य महोत्सव (Photo Credits: Twitter)

रायपुर: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) की राजधानी रायपुर (Raipur) में तीन दिवसीय राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (National Tribal Dance Festival) का आगाज हो चुका है. उमंग एवं उत्साह से भरा यह महोत्सव देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर दे रहा है. प्राकृतिक सौंदर्य और पारंपरिक वेशभूषा से सजे-धजे कलाकारों का लोकनृत्य बहुत भव्य है. नृत्य प्रदर्शन दो श्रेणियों में शादी समारोहों और अन्य प्रमुख अनुष्ठानों में आयोजित हो रही है. जबकि प्रतिभागी पारंपरिक पोशाक पहनकर और आदिवासी वाद्ययंत्रों के साथ मंच पर अपनी कलात्मक प्रस्तुतियां दें रहे है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शुरू हुए आदिवासी नृत्य महोत्सव और राज्योत्सव 2021 का बतौर मुख्य अतिथि उद्घाटन किया. महोत्सव के शुरुआत के मौके पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, छत्तीसगढ़ के विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत, संस्कृति मंत्री श्री अमरजीत भगत भी उपस्थित रहे. Chhattisgarh: CM भूपेश बघेल ने राम वनगमन पर्यटन परिपथ का किया लोकार्पण

रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में शुरू हुए राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में सात देशों के नर्तक दल सहित देश के 27 राज्यों तथा छह केन्द्र शासित प्रदेशों के 59 आदिवासी नर्तक दल शामिल हो रहे हैं. महोत्सव में श्रीलंका, उज्बेकिस्तान, स्वाजीलैण्ड, नाइजीरिया, मालदीव और युगांडा के नर्तक दल भी भाग लेने पहुंचे हैं. इनके बीच विवाह संस्कार, पारंपरिक त्योहार, अनुष्ठान, फसल कटाई, कृषि एवं अन्य पारंपरिक विधाओं पर नृत्य प्रतियोगिता का आयोजन होगा. प्रतियोगिता में झारखंड की ओर से विवाह संस्कार की विधा के तहत कड़सा, फसल कटाई के तहत उरांव एवं छऊ नृत्य की प्रस्तुति आदिवासी समुदाय के कलाकार कर रहे है.

राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में प्रस्तुत कार्यक्रमों की झलकियां-

 

फेस्ट के दौरान 31 अक्टूबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और पूर्व उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल पर केंद्रित प्रदर्शनी और सेमिनार का आयोजन किया जाएगा.

नर्तक दलों को कुल 20 लाख रुपए की पुरस्कार राशि, प्रमाण पत्र और ट्रॉफी प्रदान की जाएगी. प्रत्येक विधा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले दल को पांच लाख रुपए, द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को तीन लाख रुपए तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले दल को दो लाख रुपए की पुरस्कार राशि से सम्मानित किया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरिया, कोरबा, बिलासपुर, गरियाबंद, मैनपुर, धुरा, धमतरी, सरगुजा, जशपुर जैसे क्षेत्रों में अपने विशिष्ट इतिहास, संस्कृति और परंपराओं के साथ और प्राकृतिक जीवन शैली के अनुरूप महत्वपूर्ण आदिवासी आबादी हैं.

इससे पहले 2019 में, राष्ट्रीय जनजातीय नृत्य महोत्सव के पहले ऐडीशन में भारत के 25 राज्यों और छह अतिथि देशों के आदिवासी समुदायों की भागीदारी देखी गई और एक लाख से अधिक लोगों की उपस्थिति देखी गई थी.

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