रायपुर, 8 अक्टूबर : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने भगवान श्री राम की माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वन गमन पर्यटन परिपथ का बृहस्पतिवार को लोकार्पण किया. वनवास काल के दौरान भगवान राम छत्तीसगढ़ में जिस स्थान से होकर गुजरे थे, उन स्थानों को राज्य सरकार पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रही है. राज्य के जनसंपर्क विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने माता कौशल्या की नगरी चंदखुरी में राम वनगमन पर्यटन परिपथ परियोजना के प्रथम चरण का लोकार्पण किया. अधिकारियों ने बताया कि इस अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह की शुरूआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘भगवान श्री राम का छत्तीसगढ़ से बड़ा गहरा नाता है. भगवान श्रीराम हम छत्तीसगढ़वासियों के जीवन और मन में रचे बसे हैं.’’ बघेल ने कहा, ‘‘भगवान श्री राम ने अपने वनवास के 14 वर्ष की अवधि में से लगभग 10 वर्ष की अवधि छत्तीसगढ़ में व्यतीत की. माता कौशल्या से मिले संस्कार और छत्तीसगढ़ में ग्रामीणों, वनवासियों और किसानों के साथ बिताई अवधि ने उनके व्यक्तित्व को इतनी ऊंचाई दी कि भगवान श्री राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए.’’
उन्होंने कहा कि चंदखुरी ही नहीं, पूरा छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है. उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम का यह प्रताप है कि छत्तीसगढ़ में लोग अपने भांजे को राम का रूप मानते हैं और उन्हें प्रणाम करते हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘कोरिया जिले के सीतामढ़ी में हरचौका से लेकर सुकमा के रामाराम तक लगभग 2,260 किलोमीटर का राम वन गमन पर्यटन परिपथ विकसित किया जा रहा है.’’ उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार हर वर्ग और हर समाज के लोगों की आस्था के केन्द्रों को संरक्षित और संवर्धित कर रही है. उन्होंने सिरपुर स्थित पुरातात्विक बौद्ध स्थल से लेकर बस्तर अंचल में आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा से जुड़े घोटुल तथा देवगुड़ियों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. यह भी पढ़ें : Lakhimpur Kheri Violence: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के घर पुलिस का नोटिस, IG ने बेटे आशीष को आज तलब होने के दिए निर्देश
अधिकारियों ने बताया कि कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने भगवान श्रीराम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में भगवान श्रीराम के वनवास काल से जुड़े स्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए शुरू की गई राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना की मुख्यमंत्री ने बृहस्पतिवार को आधिकारिक तौर पर शुरुआत की. अधिकारियों ने बताया कि राम वन गमन पर्यटन परिपथ परियोजना के तहत सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) में 133 करोड़ 55 लाख रुपए की लागत से विकास कार्य किया जा रहा है.