
रायपुर: छत्तीसगढ़ में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर उस समय हमला हो गया जब वह पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास से बाहर निकल रही थी. ईडी की यह कार्रवाई शराब घोटाले में कथित धनशोधन (Money Laundering) के मामले से जुड़ी थी, जिसमें भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल का नाम सामने आया है. इस छापेमारी के विरोध में उनके समर्थकों ने ईडी अधिकारियों की कार को घेर लिया और पथराव कर दिया.
जानकारी के मुताबिक, जब ईडी की टीम रेड खत्म कर बाहर निकल रही थी, तभी वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी. इसी दौरान कुछ उपद्रवियों ने ईडी अधिकारियों की कार पर पत्थर फेंक दिए. इस हमले में एक डिप्टी डायरेक्टर रैंक के अधिकारी की कार को भी निशाना बनाया गया. वीडियो फुटेज में देखा जा सकता है कि कैसे भीड़ ने ईडी अधिकारियों को घेर लिया और उनकी गाड़ी पर हमला कर दिया. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए एक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया.
चैतन्य बघेल के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी
ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे चैतन्य बघेल के भिलाई स्थित निवास पर छापेमारी की थी. बताया जा रहा है कि यह घर भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल दोनों का संयुक्त निवास है, इसलिए ईडी की टीम वहां पहुंची थी. ईडी का आरोप है कि चैतन्य बघेल को शराब घोटाले में ‘अवैध धन’ का लाभार्थी माना जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में 14-15 ठिकानों पर एक साथ रेड
ईडी सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी सिर्फ भूपेश बघेल के निवास तक सीमित नहीं थी, बल्कि छत्तीसगढ़ में करीब 14-15 स्थानों पर छानबीन की गई. इसमें बघेल के करीबी सहयोगी लक्ष्मी नारायण बंसल उर्फ पप्पू बंसल और कुछ अन्य व्यापारियों के ठिकाने भी शामिल थे.
इस पूरी घटना पर भूपेश बघेल की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन उनके समर्थकों ने इसे "राजनीतिक प्रतिशोध" करार दिया है. वहीं, ईडी का कहना है कि वह निष्पक्ष जांच कर रही है और किसी भी प्रकार की हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.