Chhattisgarh: शिवरीनारायण में हो रहा है राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव, सीएम भूपेश बघेल ने सभी को दिया है निमंत्रण
छत्तीसगढ़ सरकार ने 8, 9 और 10 अप्रैल को शिवरीनारायण में राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव 2022 का आयोजन किया है. इस उत्सव में शिवरीनारायण में कई तरह के आयोजन किए जाएंगे, जिसमें कई बड़ी हस्तियां शांमिल होंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव 2022 में शामिल होने के लिए आम जनता को भी न्यौता दिया है.
रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने 8, 9 और 10 अप्रैल को शिवरीनारायण में राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव 2022 का आयोजन किया है. इस उत्सव में शिवरीनारायण में कई तरह के आयोजन किए जाएंगे, जिसमें कई बड़ी हस्तियां शांमिल होंगी. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव 2022 में शामिल होने के लिए आम जनता को भी न्यौता दिया है. छत्तीसगढ़ में शिवरीनारायण मंदिर का नवीनीकरण पूरा होने के अवसर पर तीन दिवसीय कार्यक्रम की शुरुआत.
सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर आम्म जनता को शिवरीनारायण में राम वन गमन पर्यटन परिपथ उत्सव 2022 में शामिल होने के लिए न्योता दिया. सीएम ने कहा, राम वन गमन पर्यटन परिपथ- पौराणिक दंडकारण्य (छत्तीसगढ़) के जंगलों में अपने वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण की स्मृतियों से जुड़े नौ स्थानों का प्रतिबिंब है. उत्सव में आप सभी शामिल हों.
शिवरीनारायण है पांचवां धाम
छत्तीसगढ़ में महानदी, शिवनाथ और जोंक नदी के संगम पर बसा शिवरीनारायण धार्मिक, ऐतिहासिक और पौराणिक नगरी के रूप में प्रसिद्ध है. इस स्थान की महत्ता इस बात से पता चलती है कि देश के चार प्रमुख धाम बद्रीनाथ, द्वारका, जगन्नाथपुरी और रामेश्वरम के बाद इसे पांचवे धाम की संज्ञा दी गई है. यह स्थान भगवान जगन्नाथ का मूल स्थान है इसलिए छत्तीसगढ़ के जगन्नाथपुरी के रूप में प्रसिद्ध है. यहां प्रभु राम का नारायणी रूप गुप्त रूप से विराजमान है इसलिए यह गुप्त तीर्थधाम या गुप्त प्रयागराज के नाम से भी जाना जाता है.
शिवरीनारायण रामायण कालीन घटनाओं से जुड़ा है. मान्यता के अनुसार वनवास काल के दौरान यहां प्रभु राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. रामायण काल की स्मृतियों को संजोने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राम वन गमन पर्यटन परिपथ के विकास के लिए कॉन्सेप्ट प्लान बनाया गया है.
रामायण काल के इन 9 स्थानों को जोड़ता है राम वन गमन पर्यटन परिपथ
राम वन गमन पर्यटन परिपथ एक नया धार्मिक पर्यटन सर्किट है, जो दंडकारण्य (वर्तमान छत्तीसगढ़) के जंगलों में अपने वनवास के दौरान भगवान राम, माता सीता और भाई लक्ष्मण की पौराणिक यात्रा स्मृतियों से संबंधित 9 स्थानों को जोड़ता है.
ये 9 स्थान सीतामढ़ी हरचौका (कोरिया), रामगढ़ (सरगुजा), शिवरीनारायण (जांजगीर-चांपा), तुरतुरिया (बलौदाबाजार), चंदखुरी (रायपुर), राजिम (गरियाबंद), सिहावा सप्तऋषि आश्रम (धमतरी), जगदलपुर (बस्तर) और रामाराम (सुकमा) हैं. इसके लिए करोड़ों रुपए की लागत से पर्यटन की दृष्टि से विकास का कार्य किया जा रहा है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ सरकार जोरों से काम कर रही है.
भूपेश सरकार का उद्देश्य इस योजना के जरिए पौराणित स्मृतियों के संजोने के साथ ही प्रदेश में पर्यटन को बढ़ाना है.