रायपुर: कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों (Shramik Special Train) के परिचालन का दावा कर रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने कहा कि छत्तीसगढ़ ने केवल 10 ट्रेनों की मांग नहीं की है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में शुक्रवार को रेल मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) द्वारा दी गई जानकारी गलत है.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल शनिवार को कहा कि छत्तीसगढ़ ने केवल 10 ट्रेनों की मांग की है, यह बात झूठ है. हमने 30 ट्रेनों की मांग की थी, जिनमें से 9 पहले ही छत्तीसगढ़ पहुंच चुकी हैं. हमारे पास किसी भी ट्रेन के लिए कोई लंबित अनुमति और सहमति नहीं है. उन्होंने कहा कि जो राज्य प्रवासी मजदूरो को भेजने वाला है और जिन राज्यों में प्रवासी मजदूर पहुंचने वाले हैं दोनों द्वारा सहमति देना जरूरी होता है. उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और कर्नाटक ने हमें अभी तक हमें सहमति नहीं दी है, ये हमें सहमति क्यों नहीं दे रहे, यह समय राजनीति करने का नहीं, कोरोना से लड़ने का है. लॉकडाउन: रेलवे ने 1,074 श्रमिक ट्रेन चलाईं, 14 लाख प्रवासियों को मंजिल तक पहुंचाया
Y'day he (Railway Min Piyush Goyal) said that Chhattisgarh has demanded only 10 trains, this turned out to be a lie. We had demanded for 30 trains, 9 of which have already reached Chhattisgarh. We have no pending permission/consent for any train: Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel pic.twitter.com/U9EfBiCvqN
— ANI (@ANI) May 16, 2020
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया कि देशभर में सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश ने स्पेशल ट्रेनों को चलाया है. अकेले उत्तर प्रदेश ने 386 ट्रेनों से लोगो को रेस्क्यू किया है. बिहार ने 204, मध्यप्रदेश ने 66 ट्रेने चलाई. लेकिन उड़ीसा 46, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ ने 7-7 , राजस्थान ने 18 और महाराष्ट्र ने सिर्फ 11 ट्रेने चलाने की इजाजत दी है.
लॉकडाउन के कारण फंसे श्रमिकों की वापसी के लिए भारतीय रेलवे देशभर में 1074 "श्रमिक स्पेशल" ट्रेनें चला रही है. पिछले तीन दिन के दौरान प्रति दिन 2 लाख से अधिक लोगों को ले जाया गया. आने वाले दिनों में, इसे प्रतिदिन 3 लाख यात्री तक बढ़ाने की योजना है. यात्रियों को भेजने वाले और उन्हें अपने यहां लेने वाले राज्य की सहमति के बाद ही रेलवे द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं.