दिल्ली विश्वविद्यालय के अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में मिड-एंट्री का चांस

दिल्ली विश्वविद्यालय ने सेंट्रल सीट एलोकेशन सिस्टम यानी सीएसएएस के राउंड वन और टू के पूरा होने के बाद बची या खाली हुई सीटों का मैट्रिक्स प्रदर्शित किया है. छात्रों के लिए यह विश्वविद्यालय में 'मिड एंट्री' है.

दिल्ली विश्वविद्यालय (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली, 5 नवंबर : दिल्ली विश्वविद्यालय ने सेंट्रल सीट एलोकेशन सिस्टम यानी सीएसएएस के राउंड वन और टू के पूरा होने के बाद बची या खाली हुई सीटों का मैट्रिक्स प्रदर्शित किया है. छात्रों के लिए यह विश्वविद्यालय में 'मिड एंट्री' है. शुक्रवार को जारी की गई इस जानकारी के मुताबिक दो दिन की यह विंडो शनिवार, 05 नवंबर तक खुली रहेगी. गौरतलब है कि अंडरग्रैजुएट दाखिले के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में दो कटऑफ जारी की जा चुकी हैं. इन कटऑफ के बाद बची हुई व छात्रों द्वारा खाली की गई सीटों का मैट्रिक्स दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने पोर्टल पर जारी किया है.

दिल्ली विश्वविद्यालय के रजिस्टर ने शुक्रवार शाम इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि यह नए आवेदकों के लिए मिड एंट्री के प्रावधान है. इसके साथ ही उन उम्मीदवारों के लिए अपग्रेडेशन के विकल्प भी है जो पहले से ही दिल्ली विश्वविद्यालय में दाखिला ले चुके हैं. मध्य-प्रवेश प्रावधान के माध्यम से वह छात्र आवेदन कर सकते हैं जो या तो सीएसएएस चरण एक में आवेदन करने में विफल रहे या चरण दो को पूरा नहीं कर सके, वे सीएसएएस के इस तीसरे दौर में भाग ले सकेंगे. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की 80 हजार से कुछ अधिक सीटें हैं. इनमें से करीब 73 हजार सीटों पर छात्रों ने दाखिले स्वीकार कर लिए हैं. हालांकि दाखिला पा चुके कई छात्रों ने बाद में अपने विकल्प बदल दिए और कई ने सीट छोड़ दी है. यह भी पढ़ें : केजरीवाल चुनाव प्रचार में व्यस्त, दिल्लीवासी प्रदूषण से बचने को मास्क पहनें: मंत्री मनसुख मंडाविया

अभी तक जिन छात्रों को अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में दाखिला मिल चुका है उनके लिए दिल्ली विश्वविद्यालय में नया शैक्षणिक सत्र भी शुरू हो चुका है. दिल्ली विश्वविद्यालय में बुधवार 2 नवंबर से प्रथम वर्ष के छात्रों का नया सत्र शुरू हुआ. विश्वविद्यालय में दाखिला हासिल कर चुके अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों से जुड़े पहले वर्ष के छात्र का विश्वविद्यालय परिसर में यह प्रथम आगमन था. गौरतलब है कि इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय में अंडरग्रैजुएट दाखिले कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट यानी सीयूईटी के आधार पर किए गए हैं.

दिल्ली विश्वविद्यालय के रेगुलर अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों में करीब 80,000 सीटें हैं. इनमें से अधिकांश सीटों पर छात्रों के दाखिले हो चुके हैं. इस वर्ष दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों का प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) के माध्यम से दाखिला हुआ है. नई व्यवस्था होने के कारण इस साल प्रथम वर्ष के छात्रों के एडमिशन विलंब से हो रहे हैं. ओरिएंटेशन प्रोग्राम में कॉलेजो के प्रिंसिपल ने छात्रों को कॉलेज लाइफ के महत्व और कॉलेज की विशेषता एवं उपलब्धियों से अवगत कराया. साथ ही छात्रों को उनके दायित्व व भविष्य में बेहतर लक्ष्य हासिल करने की प्रेरणा दी.

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