नई दिल्ली: सीबीआई में मचे घमासान के बीच शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई की जिसमें केंद्रीय जांच एजेंसी ने उनके अधिकार वापस लेने और उन्हें छुट्टी पर भेजे जाने के केंद्र सरकार के फैसले को चुनौती दी थी. सीबीआई विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि शीर्ष अदालत का आदेश अत्यंत ही सकारात्मक है. वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार किसी अधिकारी के पक्ष या विपक्ष में नहीं है बल्कि वह सीबीआई की संस्थागत निष्ठा एवं छवि को कायम रखना चाहती है.
जेटली ने कहा, बीते दिनों जो भी सीबीआई में हुआ उस पूरे घटनाक्रम से उसकी प्रतिष्ठा धूमलि हुए है. इसलिए इसकी सच्चाई बाहर आनी चाहिए. सच्चाई बाहर आना देश के हित के लिए बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा, एक ही केस में एजेंसी और डायरेक्टर का एक मत था और स्पेशल डायरेक्टर दूसरा मत था. ये मामला भ्रष्टाचार का था और इसमें एजेंसी के दोनों बड़े नेता ही शिकार हो गए इसलिए इसकी निष्पक्ष जांच होना बहुत जरूरी है. CBI निदेशक विवाद: रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी आलोक वर्मा पर लगे आरोपों की जांच, 2 हफ्ते में आएगी रिपोर्ट
The current CBI controversy is an extremely positive development. Government has no interest for or against any individual. Govt is interested in maintaining professionalism, image & constitutional integrity of #CBI: Finance Minister Arun Jaitley pic.twitter.com/no5OWyDrNN
— ANI (@ANI) October 26, 2018
वित्त मंत्री ने कहा कि आज सुप्रीम कोर्ट ने निष्पक्ष मानदंडों को और मजबूत किया है. निष्पक्षता में उच्चतम मानक बनाए रखने के लिए उन्होंने एक समय सीमा निर्धारित की और जांच में भी एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश नियुक्त किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सीवीसी जांच बेहद ही पारदर्शी है. सीबीआई विवाद: पद पर बने रहेंगे आलोक वर्मा और अस्थाना, राव को सिर्फ जांच पूरी होने तक का जिम्मा
Today SC has further strengthened the fairness criteria. They fixed a time limit&in order to ensure that highest standard of fairness are maintained even in the inquiry they have appointed a retired judge to ensure that the CVC inquiry is extremely fair: Arun Jaitley #CBI pic.twitter.com/pbEuKrAg8E
— ANI (@ANI) October 26, 2018
Recent developments had eroded the credibility of #CBI. CVC in the interest of fairness passed an order that till investigations are pending against two top officers of CBI, they must step aside and recuse themselves from CBI functioning till inquiry is over: FM Arun Jaitley pic.twitter.com/1B8FdEWLJy
— ANI (@ANI) October 26, 2018
क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सीबीआई विवाद में सीजेआई रंजन गोगोई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई की. इस बेंच में सीजेआई के अलावा जस्टिस एसके कौल और जस्टिस केएम जोसेफ शामिल थे. सुप्रीम कोर्ट ने ताजा विवाद पर केंद्र सरकार को नोटिस भेजते हुए कहा कि सीवीसी आलोक वर्मा के खिलाफ दो हफ्ते में जांच पूरी करे. बता दें कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सीवीसी की जांच, रिटायर्ड जज की निगरानी में होगी.