
गांधीनगर/अमरेली, 14 दिसंबर: गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने राज्य के अमरेली में मोतियाबिंद ऑपरेशन के बाद 8 लोगों की आंखों की रोशनी जाने के मामले में जांच के लिए सात डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया है. जांच समिति के सदस्य पहले ही अमरेली के शांताबा जनरल अस्पताल पहुंच चुके हैं और उन्होंने डॉक्टरों, मेडिकल स्टाफ और मरीजों के बयान दर्ज करना शुरू कर दिया है. समिति के सदस्य चेतन मेहता ने मीडियाकर्मियों से कहा कि तथ्यों और सुझावों के साथ एक रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को सौंपी जाएगी.
शांताबा जनरल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आर.एन. जितिया ने बचाव में कहा कि विशेषज्ञ डॉक्टरों ने नवंबर के अंतिम सप्ताह में मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया था और ऑपरेशन के समय उनसे कोई गलती नहीं हुई, लेकिन ऑपरेशन के बाद मरीजों ने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती, जिसके कारण उन्हें संक्रमण हुआ होगा और उनकी आंखों की रोशनी चली गई होगी. यह भी पढ़े: Bihar: बड़ी लापरवाही! मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 25 लोगों की आंखों की रोशनी छीनी, कुछ की निकालनी पड़ी आंख
जितिया का दावा है कि 11 मरीजों ने आंखों में जलन और दर्द की शिकायत की थी. जिन लोगों ने शिकायत की थी उन्हें या तो भावनगर, राजकोट या अहमदाबाद के सरकारी अस्पतालों में भेजा गया था। उनमें से कुछ नेत्रहीन हो गए.
पीड़ितों में से एक, लभुबेन धनानी ने मीडियाकर्मियों को बताया कि ऑपरेशन के बाद, जब अगले दिन पट्टी हटाई, तो उनकी आंखों की रोशनी जा चुकी थी. शिकायत करने पर डॉक्टरों ने आखों में दवाई की बूंदे डालकर उन्हें घर भेज दिया गया था। बाद में उसे राजकोट के सरकारी अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उसे दूसरी बार ऑपरेशन करवाना पड़ा, लेकिन अब वह स्थायी रूप से रोशनी खो चुकी है.