Cancer Cases Rising in India: भारत में बढ़ रहे कैंसर के केस, मुंह और ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में तेजी
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Cancer Cases Rising in India: भारत में कैंसर के मामलों में तेजी से वृद्धि हो रही है, खासकर मुंह के कैंसर के मामलों में. एक अध्ययन के अनुसार, पुरुषों में होंठ और मुंह का कैंसर सबसे अधिक पाया गया है, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर के मामलों की संख्या सबसे अधिक है. यह अध्ययन ICMR-राष्ट्रीय रोग सूचना और अनुसंधान केंद्र (NCDIR) द्वारा किया गया, जिसमें भारत समेत BRICS देशों (ब्राज़ील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के कैंसर के मामलों, मौतों और जीवन की गुणवत्ता पर इसके प्रभावों का विश्लेषण किया गया.

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भारत में कैंसर के बढ़ते मामले

अध्ययन के अनुसार, भारत में पुरुषों में होंठ और मुंह का कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम है. यह स्थिति चिंताजनक है क्योंकि भारत में तम्बाकू और धूम्रपान का सेवन अधिक मात्रा में होता है, जो मुंह के कैंसर के मुख्य कारणों में से एक है. वहीं, महिलाओं में स्तन कैंसर के बढ़ते मामलों का कारण बदलती जीवनशैली, आनुवंशिक कारण और देर से विवाह जैसी बातें मानी जाती हैं.

BRICS देशों में कैंसर की स्थिति

अध्ययन से पता चला कि BRICS देशों में कैंसर एक सामान्य बीमारी बन चुकी है और इसके कारण होने वाली मौतें भी काफी अधिक हैं. रूस में पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर के नए मामलों की संख्या सबसे अधिक है. वहाँ पुरुषों में प्रोस्टेट, फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर सबसे आम हैं. दूसरी तरफ, भारत में, होंठ और मुंह का कैंसर पुरुषों में सबसे ज़्यादा देखा गया, जबकि महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे अधिक पाया गया.

दक्षिण अफ्रीका में कैंसर से मौतों की संख्या सबसे अधिक है. वहां पुरुषों और महिलाओं दोनों में कैंसर से होने वाली मौतें अन्य BRICS देशों से अधिक हैं.

भारत में कैंसर से होने वाली मौतें

भारत में फेफड़े के कैंसर से अधिकतर BRICS देशों में मौतें होती हैं, लेकिन भारत में स्तन कैंसर से मौतों की संख्या सबसे अधिक है. कैंसर के कारण होने वाली मृत्यु दर और इसकी जीवन पर पड़ने वाली प्रभाव को मापने के लिए ‘जीवन गुणवत्ता के नुकसान’ (DALYs) का प्रयोग किया गया. भारत में स्तन कैंसर का असर जीवन के कई वर्षों तक महसूस किया जा सकता है, खासकर महिलाओं में.

भविष्य में क्या है स्थिति?

अध्ययन में यह भी बताया गया कि आने वाले वर्षों में भारत और दक्षिण अफ्रीका में कैंसर के नए मामलों और कैंसर से होने वाली मौतों की संख्या में सबसे ज़्यादा वृद्धि देखने को मिल सकती है. विशेषज्ञों के अनुसार, भले ही BRICS देशों में आर्थिक वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है और कैंसर नियंत्रण की योजनाएं मौजूद हैं, फिर भी कैंसर के जोखिम कारकों और स्वास्थ्य सेवाओं की जांच करना ज़रूरी है, ताकि कैंसर की घटनाओं और परिणामों को नियंत्रित किया जा सके.

एक अन्य अध्ययन के अनुसार, BRICS देशों में कैंसर से संबंधित मौतों का वैश्विक आँकड़ा 42% है. चीन में कैंसर के कारण कुल उत्पादकता हानि सबसे अधिक है, जो $28 बिलियन आँकी गई है. वहीं, दक्षिण अफ्रीका में प्रति कैंसर मौत का खर्च सबसे ज़्यादा है, जो $1,01,000 है.

कैंसर को लेकर जागरूकता जरूरी

भारत में कैंसर की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना बेहद ज़रूरी है. तम्बाकू और धूम्रपान जैसी हानिकारक आदतों को रोकने, स्तन कैंसर के लिए समय पर जांच और त्वरित उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने से इस स्थिति को कुछ हद तक नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही, सही खानपान और जीवनशैली में बदलाव लाकर कैंसर से बचाव किया जा सकता है.

भारत में कैंसर के बढ़ते मामले एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती बन रहे हैं. अगर समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले वर्षों में इसका असर और भी गहरा हो सकता है. जागरूकता, समय पर जांच और सही उपचार ही इसका सही समाधान हो सकता है.