Citizenship Amendment Law: असम में कर्फ्यू के बीच लोगों को सात घंटे के लिए मिली राहत, स्थिति में आ रही है सुधार

नागरिकता संशोधन बिल को लेकर देश में चल रहे विरोध का सबसे ज्यादा असर पूर्वोत्तर के राज्यों में देखा जा रहा है. जी हां पूर्वोत्तर के राज्यों में 6 दिन से उग्र प्रदर्शन जारी है. इसी बीच असम में शनिवार यानि आज कर्फ्यू में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक सात घंटे के लिए लोगों को ढील दी गई.

प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

नागरिकता संशोधन बिल (Citizenship Amendment Bill) को लेकर देश में चल रहे विरोध का सबसे ज्यादा असर पूर्वोत्तर के राज्यों में देखा जा रहा है. जी हां पूर्वोत्तर के राज्यों में 6 दिन से उग्र प्रदर्शन जारी है. इसी बीच असम में शनिवार यानि आज कर्फ्यू में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक सात घंटे के लिए लोगों को ढील दी गई. हालांकि इस दौरान पुरे सूबे में इंटरनेट की सुविधाएं बंद रहीं.

वहीं आज ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (All Assam Students' Union) ने तीन दिन के लिए सत्याग्रह का ऐलान किया. नगा स्टूडेंट्स फेडरेशन (Naga Students' Federation) ने शनिवार को छह घंटे के लिए बंद बुलाया है. इस मामले में पश्चिम बंगाल में भी प्रदर्शन हो रहे हैं. सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने प्रदर्शनकारियों से कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से विरोध करें और कानून हाथ में न लें.

बता दें कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) की मंजूरी के साथ ही गुरुवार देर रात से देशभर में लागू हो गया. इस नए कानून के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न का सामना करने वाले गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यक प्रवासियों को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

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नागरिकता कानून सोमवार को लोकसभा और बुधवार को राज्यसभा में पारित हुआ. इसके तहत हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के सदस्य, जो 31 दिसंबर, 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हैं और वहां धार्मिक उत्पीड़न का सामना किया है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी.

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