नई दिल्ली, 26 मई: सीवोटर सर्वे में खुलासा हुआ है कि भाजपा सरकार के 9 वर्षों के दौरान कल्याणकारी योजनाओं पर 45.6 प्रतिशत लोगों की अलग-अलग राय है. उनका कहना है कि 9 साल के शासन में कुशल और लीकेज-फ्री (धांधली) कल्याणकारी योजनाएं नहीं रही हैं. हालांकि, 44.9 प्रतिशत लोगों ने जवाब दिया कि कल्याणकारी योजनाओं को कुशलतापूर्वक और लीकेज-फ्री तरीके से प्रदान किया गया, जबकि 9.5 प्रतिशत ने कहा कि वे कुछ भी नहीं कह सकते हैं. यह भी पढ़ें: C Voter Survey: सर्वे में खुलासा हुआ 48 प्रतिशत से अधिक लोगों ने PM मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए पहली पसंद माना, राहुल गांधी को 18 प्रतिशत लोगों ने किया समर्थन
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूरे होने पर सीवोटर द्वारा कराए गए सर्वे में यह खुलासा हुआ है. भारतीय जनता पार्टी ने साल 2014 में हुए लोकसभा के चुनावों में 282 सीटों पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी. जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2014 को भारत के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली.
सर्वे के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों के 46.2 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों के 44.3 प्रतिशत लोगों को भी लगता है कि पिछले 9 वर्षों में मोदी शासन के तहत कल्याणकारी योजनाओं को कुशलतापूर्वक और लीकेज-फ्री तरीके से प्रदान नहीं किया गया. सर्वेक्षण में यह भी दावा किया गया कि 45.6 प्रतिशत महिलाओं और 44.2 प्रतिशत पुरुषों का मानना है कि कल्याणकारी योजनाओं को कुशलतापूर्वक प्रदान किया गया है, जबकि 46.6 प्रतिशत पुरुषों और 44.5 प्रतिशत महिलाओं की विपरीत राय है.
25 से 34 आयु वर्ग के 52.8 प्रतिशत लोग मानते हैं कि पिछले 9 वर्षों में मोदी सरकार द्वारा कल्याणकारी योजनाओं को कुशलतापूर्वकऔर लीकेज-फ्री तरीके से प्रदान नहीं किया गया, जबकि 18 से 24 आयु वर्ग के 51.1 प्रतिशत लोगों को भी ऐसा ही लगता है.