नई दिल्ली: दिल्ली के बुराड़ी में हुई 11 लोगों की रहस्यमय मौतों के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. क्राइम ब्रांच ने एक महिला तांत्रिक से पूछताछ की है. जिसका नाम गीता माता बताया जा रही है. यह महिला उस ठेकेदार की बेटी है जिसने मृतक परिवार के घर में 11 पाइप और 11 लोहे के ग्रिल लगवाए थे. वहीं खबर है कि महिला तांत्रिक ने कैमरे के सामने माना कि उसकी वजह से पूरे परिवार ने मौत को गले लगाया है.
सीएनएन न्यूज 18 ने आज तांत्रिक गीता के कथित कबूलनामें का वीडियो टीवी पर दिखाया है. इस वीडियो में गीता को यह कहते हुए सुना जा सकता है की “मैंने उन्हें आत्महत्या करने के लिए प्रेरित किया... भाटिया परिवार को बताया कि कैसे अपने जीवन को खत्म करना है". हालांकि अभी इस महिला तांत्रिक की पहचान और उसके कबुलनामे के बारे में आधिकारिक पुष्टि का इंतजार किया जा रहा है.
CNN-News18 Mega #EXCLUSIVE | Female tantrik Geeta Maa confesses to her role in the mass suicide of 11 members in Delhi's Burari area, says "I pushed them to suicide." #BurariDeathMystery pic.twitter.com/XCVj3316B0
— News18 (@CNNnews18) July 6, 2018
खबरों की मानें तो गीता नजर उतारने का काम करती है. इसके लिए वह अपने इलाके में मशहूर भी थी. आसपास के बच्चे भी उससे इस तरह का झाड़ फूंक करवाने आते थे.
इससे पहले मामले की जांच कर रहे जांचकर्ता इस बात से सहमत हैं कि साझा मनोवैज्ञानिक विकार से जूझ रहे परिवार ने धार्मिक अनुष्ठान के जरिए सामूहिक आत्महत्या को अंजाम दिया. एक पुलिस अधिकारी ने गुरुवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने कहा कि 11 शवों के विसरा और विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद अंतिम क्लोजर रिपोर्ट तैयार की जाएगी.
अपराध शाख के संयुक्त आयुक्त आलोक कुमार ने कहा कि भाटिया हाऊस के सामने के परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज से जांचकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद मिली कि यह सामूहिक आत्महत्या का मामला है.
कुमार ने कहा, "वीडियो फुटेज में दिख रहा है कि परिजनों ने अपने घर के करीब के दुकान से पांच स्टूल और बैंडेज खरीदे और जिसका प्रयोग धार्मिक क्रियाकलापों में किया गया. यही समान घटनास्थल से भी प्राप्त हुए, जहां ये 11 शव बरामद हुए थे."
उन्होंने कहा कि ललित भाटिया और उसकी भतीजी प्रियंका द्वारा हस्तलिखित नोट में स्पष्ट रूप से धार्मिक अनुष्ठानों के बारे में बताया गया, इसे सुसाइड नोट की तरह लिया गया. उन्होंने कहा, "ये नोट उनके घर से बरामद हुए और जैसा इस नोट में लिखा गया था, धार्मिक अनुष्ठान उसी तरह हुआ."
कुमार ने कहा कि जांचकर्ता इस नतीजे पर पहुंचे की प्लाईउड स्टोर चलाने वाला मृतक ललित यह आदेश देता था कि कैसे धार्मिक अनुष्ठान होगा और प्रियंका(33) इसे रजिस्टर में लिखती थी. ललित और पूरा परिवार इस बात को मानते थे कि ललित को उनके पिता से दिशा-निर्देश मिलता था, जिनकी मौत दस वर्ष पूर्व हुई थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा, "रजिस्टर में लिखित बातों के अनुसार, ललित अपने मृत पिता की आत्मा के बस में था. यह एक प्रकार का मानसिक विकार है. हमने मनोवैज्ञानिक विशेषज्ञ से भी मदद ली. हम इस नतीजे पर पहुंचे कि यह साझा मनोवैज्ञानिक विकार का मामला है, जिसके अंतर्गत धार्मिक अनुष्ठान एक सामूहिक आत्महत्या का कारण बना."
उनका मानना था कि इस क्रिया को करते हुए उनकी मौत नहीं होगी और गोपालदास (ललित के पिता) इन लोगों से मिलने आएंगे और सबको मोक्ष प्रदान करेंगे. बुराड़ी कांड: सामूहिक मौत की मिस्ट्री सुलझाने के लिए तांत्रिक से पूछताछ