बुलंदशहर हिंसा: पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा, गोली लगने से ही हुई इंस्पेक्टर सुबोध की मौत

बुलंदशहर हिंसा में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने की वजह से ही हुई. बुधवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक इंस्पेक्टर सुबोध की लेफ्ट आई ब्रो के पास से गोली लगी थी. जो अंदर घुस गई थी.

इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ( Photo Credit: twitter )

बुलंदशहर हिंसा (Bulandshahr Violence) में शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह (Subodh Kumar Singh) की पोस्टमार्टम रिपोर्ट (Postmortem Report) आ गई है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि सुबोध कुमार की मौत गोली लगने की वजह से ही हुई. बुधवार को आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक इंस्पेक्टर सुबोध की लेफ्ट आई ब्रो के पास से गोली लगी थी. जो अंदर घुस गई थी. डॉक्टरों ने रिपोर्ट में लिखा है कि गोली उनके सिर के पीछे के हिस्से में जाकर फंस गई थी. इसी कारण उनकी मौत हुई.

मिली जानकारी के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट के में खुलासा हुआ कि इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को प्वाइंट ब्लैंक रेंज से नहीं बल्कि 6 से 8 फीट की दूरी से गोली मारी गई थी. साथ ही उनके ऊपर ब्लंट ऑब्जेक्ट यानी किसी नुकीले हथियार से 4 से 6 बार हमला किया गया था. यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: पहली बार सामने आया घटना का मुख्य आरोपी, वीडियो जारी कर खुद को बताया बेकसूर, कहा- मैं घटनास्थल पर था ही नहीं

कैसे हुई इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या. 

सोमवार के दिन उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में सोमवार को गोकशी के शक में लोगों ने जमकर हंगामा किया. गुस्साई भीड़ के चिंगरावठी चौराहे पर हंगामा करते हुए पथराव शुरू कर दिया. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को तोड़फोड़ कर उसे आगे हवाले कर दिया. पुलिस ने भीड़ को नियंत्रण करने के लिए लाठीचार्ज भी किया. भीड़ में मौजूद लोगों ने फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें कोतवाली प्रभारी (इंस्पेक्टर) सुबोध कुमार सिंह की गोली लगने से मौत हो गई थी.यह भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा: इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी का आरोप, कहा- मेरे पति साजिश का शिकार हुए, पहले भी हुए थे हमले

गौरतलब है कि घटनास्थल पर उस वक्त जो फोर्स मौजूद थी, वो इस नाजुक हालात से निपटने के लिहाज से बेहद कम थी. इसी का फायदा दक्षिणपंथी भीड़ ने उठाया. मौके पर अचानक अफवाह फैलाई गई. लोगों को उकसाया गया. दंगा भड़काया गया. भीड़ पुलिसवालों को मारने पर उतारू थी. ये सब होते-होते भीड़ ने जब पुलिस चौकी पर हमला बोला तब तक तीन गांवों के करीब 400 लोग जमा हो चुके थे.

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