लखनऊ: बुलंदशहर हिंसा मामले में गिरफ्तार फौजी जीतू उर्फ़ जितेंद्र मलिक को उत्तर प्रदेश एसटीएफ आज बुलंदशहर की एक अदालत में पेश करेगी. लेकिन कोर्ट में पेश करने से पहले पूछताछ में उसने एसटीएफ के अधिकारियों के सामने इस बात को कबूल किया कि घटनावाले दिन भीड़ के समय वह घटना स्थल पर मौजूद था. लेकिन उसने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को गोली नहीं मारी है. बता दें कि बुलंदशहर हिंसा मामले में इन्स्पेटर सुबोध कुमार सिंह और स्थानीय नागरिक सुमित को गोली से मारने को लेकर जीतू पर आरोप लग रहा है.
फौजी जीतू से पूछताछ में एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह ने कहा कि आरोपी जीतू उर्फ़ जितेंद्र मलिक इस बात को ने कबूल किया है कि जब भीड़ इकट्ठा हुई तो उस वक्त वो वहां मौजूद था, हालांकि अभी ये साफ नहीं हुआ कि इंस्पेक्टर सुबोध को उसने ही गोली मारी थी या नहीं. पूछताछ में जीतू ने कहा कि वो गांववालों के साथ वहां गया था, लेकिन पुलिस पर पत्थरबाजी नहीं की थी और न ही गोली चलाई.
SSP STF: He accepted he was there when crowd started gathering. Prima facie, it has been found true. It's not yet ascertained if he is the one who shot Inspector or Sumit. He said he went there with villagers,but denied pelting stones on police.Forensic of his mobile will be done pic.twitter.com/0gGJRpxTZX
— ANI UP (@ANINewsUP) December 9, 2018
उसका भाई निर्दोष है
वहीं जीतू के गिरफ्तारी से पहले उसका फौजी भाई धर्मेन्द्र मलिक जीतू का बचाव करते हुए कहा था कि उसके भाई को एक साजिश के तहत फसाया गया है. जबकि वह घटना के दिन घटना स्थल पर था ही नहीं. वहीं इस मामले में वह उत्तर प्रदेश के सीएम योगी से इस मामले में मदद को लेकर गुहार भी लगाईं थी.
बता दें कि उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 3 दिसंबर को गौकशी को लेकर भड़की हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर सुबोधकुमार सिंह और स्थानीय नागरिक सुमित कुमार की गोली लगने के बाद मौत हो गई थी. पुलिस इस हिंसा मामले में 27 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की थी. जिसमे फौजी जीतू का भी नाम है. लेकिन घटना के बाद ही गिरफ्तारी के डर से वह जम्मू- कश्मीर भाग गया था. शनिवार रात उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सेना द्वारा जीतू को सौपें जाने के बाद उसे उत्तर प्रदेश लेकर आई है. 22 साल का जीतू फौजी 22 राष्ट्रीय राइफल्स का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर के सोपोर में तैनात है.