वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने (Nirmala Sitharaman) मंगलवार 1 फरवरी को आम बजट पेश किया. मध्यम वर्गीय लोग बजट से राहत की आस लगाए बैठे थे लेकिन इनकम टैक्स रेट्स घटाए जाने की उम्मीद लगाए हुए लोगों को निराशा हाथ लगी है. कोरोना महामारी के कारण चरमराई अर्थव्यवस्था, घटी आमदनी और बढ़ती महंगाई के चलते लोग सरकार से यह उम्मीद कर रहे हैं कि इस बजट में सरकार टैक्स पर राहत दे सकती है, लेकिन इस बार भी इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव नहीं किया गया. Rail Budget 2022: 400 वंदे भारत ट्रेनें, 100 पीएम गति शक्ति कार्गो टर्मिनलस बनाने का ऐलान.
वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार ने इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया है, हालांकि कॉरपोरेट टैक्स को 18 पर्सेंट से घटाकर 15 पर्सेंट कर दिया गया है. वित्त मंत्री ने ऐलान किया है कि किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट यानी डिजिटल संपत्ति (Virtual Digital Asset) के ट्रांसफर पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
वित्तमंत्री निर्मला ने कहा कि सरकार Cryptocurrency को टैक्सेशन के दायरे में ला रही है. अब क्रिप्टो से हुई कमाई पर टैक्स देना पड़ेगा. क्रिप्टोकरेंसी से हुई आय पर अब 30 फीसदी टैक्स लगेगा. इसके अलावा कटे और पॉलिश हीरे व रत्नों पर कस्टम ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी किया जाएगा.
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए 2 साल का समय
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस दौरान कहा कि ITR में खामियों को सुधारने के लिए 2 साल तक का वक्त दिया जाएगा. लोग अब दो साल तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं. इस अवधि में इनकम टैक्स रिटर्न में सुधार किया जा सकता है.
वित्त मंत्री ने कहा कि टैक्स सिस्टम में सुधार की प्रक्रिया जारी रहेगी. सरकार ने ITR में गड़बड़ी पर 2 साल तक की जेल का प्रावधान भी किया है.
नया टैक्स स्लैब
2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा. 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा. जबकि 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगेगा. नए टैक्स स्लैब में 10 लाख से 12.50 लाख तक की आय वालों को 20 फीसदी टैक्स देना होगा. 12.50 लाख से 15 लाख की सालाना आय वालों को 25 फीसदी और 15 लाख ऊपर आमदनी पर 30 फीसदी टैक्स देना होगा.
पुराना टैक्स स्लैब
पुराना टैक्स स्लैब में 2.5 लाख से 5 लाख तक की आय वालों पर 5 फीसदी टैक्स, 5 लाख से 7.5 लाख तक की आय वालों पर 15 फीसदी टैक्स लगता था. इसके अलावा 7.5 लाख से 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम वालों पर 20 फीसदी टैक्स लगता था. पुराने टैक्स स्लैब में 10 लाख से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर टैक्स का प्रावधान था.