Budget 2022: महंगाई से परेशान लोगों को वित्त मंत्री से आस, जानें इन 8 सेक्टर की क्या है मांंग
1 फरवरी को देश का आम बजट पेश होगा. इस बजट देश के लोगों को काफी उम्मीदें हैं. पिछले 2 साल से भारत कोरोना महामारी से जूझ रहा है. ऐसे में हर सेक्टर राहत पाने की उम्मीद में है.
25 जनवरी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) देश का आम बजट 1 फरवरी 2022 (budget 2022) को सुबह 11 बजे पेश करेंगी. मोदी सरकार का यह 10वां बजट होगा. पिछले बजट में टैक्स स्लैब (Tax Slab) में कोई बदलाव नहीं किया गया था. ऐसे में आयकरदाताओं (Tax Payers)को इस बार के बजट से काफी उम्मीदे हैं. Budget 2022: आयकर की धारा 80C के बिना इन 10 तरीकों से बचाए Income Tax
इस बार के बजट से स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट, हॉस्पिटैलिटी (Hospitality) और कृषि सेक्टर (Agriculture) समेत अन्य क्षेत्र कोरोना महामारी से प्रभावित रहें. ऐसे में आम आदमी को राहत देने के लिए बड़े पैकेज का एलान किया जा सकता है.
बजट 2022 से जुड़ी लोगों की उम्मीदें
रियल एस्टेट क्षेत्र को क्या है उम्मीद
सरकार ने पिछले साल बजट में मॉडल टेनेंसी ऐक्ट बनाया था, जिसे बहुत कम राज्यों ने अपनाया है. लोगों की मांग है कि सरकार को सभी राज्यों के साथ बैठक कर इस एक्ट को लागू करने की एक समय सीमा तय करनी चाहिए. अपने निवास वाले घरों के मामले में ब्याज पर टैक्स डिडक्शन 2 लाख रुपये तक सीमित है. रियल एस्टेट क्षेत्र का मानना है कि यह सीमा बहुत कम है, इसे बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाना चाहिए. आगामी बजट को रीयल एस्टेट क्षेत्र का समर्थन करना जारी रखना चाहिए क्योंकि इसका देश के सकल घरेलू उत्पाद में एक महत्वपूर्ण योगदान है.
एजुकेशन को लेकर बड़ी योजनाएं
बजट में शिक्षा और देश के बुनियादी ढांचे को और मजबूत बनाने को लेकर भी घोषणाएं की जाती हैं. सरकार इस सेक्टर के लिए नीतिगत व्यवस्था का ऐलान कर सकती है. ऑन लाइन एजुकेशन को रेग्युलेट करने के लिए सरकार को एक अलग बॉडी के गठन का सुझाव दिया गया हैं. कोरोना काल में शिक्षा का क्षेत्र लगातार प्रभावित रहा है, ऐसे में लोगों को उम्मीद है कि सरकार ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर नई योजना लेकर आए.
वेतन भोगियो को बड़ी उम्मीद
बजट 2022 से वेतन भोगियो को बड़ी उम्मीदें हैं. सरकार ने वेतन भोगियों के लिए धारा 16 के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन की रकम 50,000 रुपये निर्धारित की है. लंबे समय से इसको बढ़ाकर 1 लाख रुपये करने की मांग की जा रही है. वेतन भोगियों को उम्मीद है की इस बार के बजट में इसे बढ़ाया जा सकता है.
ऑटोमोबाइल क्षेत्र को मिलेगी राहत
घरेलू आटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों के सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. इस क्षेत्र को नए निवेश के लिए तैयार करने के लिए प्रोत्साहन चाहिए. आटोमोबाइल सेक्टर में एक समान टैक्स लगाने की मांग हो रही है. ऑटोमोबाइल सेक्टर चाहता है कि ईवी को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. ऑटोमोबाइल क्षेत्र की ओर से अपनी मांगों को लेकर वित्त मंत्रालय को कई सुझाव सौंपे गए हैं.
घर खरीदारों को राहत
बजट 2022 में अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत पहली बार घर खरीदने वालों को ब्याज पर मिलने वाली 1.5 लाख रुपये तक की अतिरिक्त छूट को एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. सेक्शन 80ईईए के तहत 45 लाख रुपये तक के मकान पर 1.5 लाख रुपये की होम लोन के ब्याज चुकाने पर अतिरिक्त छूट मिलती है. 80ईईए का मकसद केंद्र सरकार के हाउसिंग फॉर ऑल 2022 को बढ़ावा देना है. इसमें किफायती आवास की खरीद पर अतिरिक्त टैक्स छूट शामिल है.
हेल्थकेयर और हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र की उम्मीदें
कोरोना महामारी के इस दौर में फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बजट 2022 में स्वास्थय सेवाओं के लिए जारी फंड में बढ़ोतरी की जाएगी. देश कोरोना की तीसरी लहर से जूझ रहा है, ऐसे में स्वास्थय सेवाओं को और बेहतर बनाने की जरुरत है. वहीं हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र उन सेक्टर में शामिल है जिसपर कोरोना महामारी का सबसे ज्यादा असर हुआ है. हॉस्पिटैलिटी क्षेत्र पर कोरोना महामारी का बुरा प्रभाव देखने को मिला है. इस क्षेत्र को बजट 2022 में एक बहाल GST इनपुट टैक्स क्रेडिट देख रहा है. वहीं, रेस्टोरेंट व्यवसाय लॉकडाउन में उलझ कर रह गया है. इस प्रभाव से बचाने के लिए एक सिस्टम की जरुरत है.
बात किसानों की
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अतंर्गत देश के किसानों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता राशि में बढ़ोत्तरी की जा सकती है. बजट में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM Kisan Scheme) को 6,000 से बढ़ाकर 8,000 रुपये सालाना किया जा सकता है. बजट में सभी फसलों के लिए एमएसपी (MSP) पर एक पैनल के गठन की घोषणा भी हो सकती है. किसानों को उम्मीद है कि किसान क्रेडिट कार्ड (KCC), भंडारण, कोल्ड स्टोरेज और माइक्रो इरीगेशन फंड में वृद्धि को लेकर कोई फैसला हो सकता है.
क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संभावना
सरकार आगामी आम बजट में क्रिप्टोकरेंसी की खरीद-बिक्री को कर के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है. स्टार्टअप का मानना है कि बजट में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को लेकर पॉलिसी का ऐलान करना चाहिए.