Budget 2020: देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है ये 10 बड़ी उम्मीदें

केंद्रीय बजट-2020 बस कुछ ही दिनों में आम लोगों तक पहुंचने वाला है. इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. मसलन क्या वित्त मंत्री आयकर में बड़ी कटौती कर सकती हैं? क्या LTCG (लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस) लेवी में कोई वृद्धि हो सकती हैं?

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    Budget 2020: देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है ये 10 बड़ी उम्मीदें

    केंद्रीय बजट-2020 बस कुछ ही दिनों में आम लोगों तक पहुंचने वाला है. इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. मसलन क्या वित्त मंत्री आयकर में बड़ी कटौती कर सकती हैं? क्या LTCG (लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस) लेवी में कोई वृद्धि हो सकती हैं?

    देश Rajesh Srivastav|
    Budget 2020: देश को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से है ये 10 बड़ी उम्मीदें
    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Photo Credits: ANI)

    Budget 2020: केंद्रीय बजट-2020 बस कुछ ही दिनों में आम लोगों तक पहुंचने वाला है. इसे लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. मसलन क्या वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) आयकर में बड़ी कटौती कर सकती हैं? क्या LTCG (लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेंस) लेवी में कोई वृद्धि हो सकती हैं? क्या लाभांश वितरण टैक्स (डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स) को हटाया जायेगा? फाइनेंस सेक्टर की ऑडिट एवं परामर्श देने वाली कंपनी Klynveld Peat Marwick Goerdeler  (केपीएमजी) ने कर लगाने के 10 महत्वपूर्ण मुद्दों को सूचीबद्ध किया है. माना जा रहा है कि सरकार तमाम दबावों के बीच इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी अवश्य विचार करेगी.

    1- लाभांश वितरण कर (डीडीटी) को युक्तिसंगत बनाना

    बजट-2020 में संभवतया डीडीटी दर में कमी देखी जा सकती है, अथवा लाभांश कर के तरीके में बदलाव लाने और शेयर धारकों के स्तर को बनाने के लिए लाभांश कराधान के तरीके में किसी तरह का बदलाव लाया जा सकता है. Budget 2020: मोदी सरकार अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए बजट में करेगी ये उपाय?

    2- व्यक्तिगत करों में कटौती

    जनता की उम्मीदों का प्रबंधन करना किसी तंग रस्सी पर चलने से कम दुष्कर नहीं. इस बजट में टैक्स स्लैब का युक्तिसंगत प्रयास किया जा सकता है अथवा आम लोगों के कर के दरों में कमी करने का प्रावधान हो सकता है.

    3- मेटः संशोधन की आवश्यकता

    जिस तरह से मेट की गणना की जाती है, उसी के अनुसार मैट की फिर से पुष्टि की जा सकती है. इसके साथ जुड़ी जटिलताओं को दूर करने की दृष्टि से मेट की गणना की जाती है.

    4- विदेशी कंपनियों और फर्मों/LLP (limited liability partnership) के लिए कर की दरें

    विदेशी कंपनियों एवं एलएलपी (limited liability partnership पर लागू कर की दरों को हाल ही में घरेलू कंपनियों की करों में कटौती पर पुनर्विचार किया जा सकता है.

    5- विवादग्रस्त मामलों का प्रबंध

    सरकार इस बजट मे किसी भी तरह के विवादों को हल करने के नए तरीके विकसित कर सकती है, खासकर ट्रांसफर प्राइसिंग और विदेशी कंपनियों के मामले मुद्दे पर.

    6- मुकदमेबाजी में बंद कर बकाया राशि को मुक्त करना

    सरकार लंबे समय से लंबित मुकदमेबाजी में फंसी हुई देय राशि को मुक्त करने के लिए किसी समाधानकारक योजना को क्रियान्वित कर सकती है.

    7- करदाताओं पर अनुपालन बोझ कम करने हेतु प्रौद्योगिकी का बढ़ता उपयोग

    सरकार कर अनुपालन में प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ाने हेतु रिटर्न दाखिल करने, लेन-देन की रिपोर्टिंग, विभाग द्वारा संचार आदि के संदर्भ में अतिरिक्त उपायों का पता लगा सकती है.

    8- कुछ प्रावधानों का सरलीकरण

    यह बजट कुछ जटिल प्रावधानों के मामले में कानून का फिर से मसौदा तैयार कर सकता है. उदाहरण के लिये पूंजीगत लाभ कराधान पर प्रावधान. इससे भाषा में सरलता आएगी और कानून की व्यापकता बढ़ेगी.

    9- कस्टम ड्यूटी दरों में बदलाव

    बजट 2020 में घरेलू उत्पादों की मांग बढ़ाने के लिए, विशेष रूप से तैयार उत्पादों के आयात की सीमा शुल्क की दरों में बदलाव ला सकती है.

    10- बैट का परिचय

    इस बजट में सीमा शुल्क कानून के तहत सीमा समायोजन कर लगाने की भी उम्मीद की जा सकती है. उम्मीद है कि विभिन्न स्थानीय लेवीज़ के प्रभाव को ऑफसेट करने के इरादे से इसे पेश किया जाएगा. बिजली शुल्क, ईंधन पर शुल्क आदि जो जीएसटी का हिस्सा नहीं हैं.

    उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र, ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि सरकार आयकर स्लैब को बढ़ाने की सोच रही है, जो निजी करदाताओं के डिस्पोजबल आय बढ़ाने में भी मदद करेगा. हालांकि निजी आयकर दाताओं के लिए किसी बड़े परिवर्तन की गुंजाइश कम ही है.

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