बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) सुप्रीमो मायावती (Mayawati) का आज 63वां जन्मदिन है. आज वो 63 किलो का केक काटकर अपना जन्मदिन मनाएंगी. वो एक दलित परिवार से है. उनके लिए राजनीति में आना और नेता बनना बहुत संघर्ष भरा था. इस दौरान उन्हें बहुत सारी तकलीफों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. 15 जनवरी 1956 को उनका जन्म दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे. वो दिल्ली के बादलपुर जिले के गौतमबुद्ध नगर से हैं.
मायावती जब टीचर की नौकरी के साथ एलएलबी की पढ़ाई कर रही थीं तब उनकी मुलाकात कांशीराम से हुई. उनसे मुलाकात के बाद मायावती ने राजनीति में आने का फैसला किया. वो एक पिछड़ी जाति और परिवार से थी. इसलिए उनका राजनीति में आने का सफर बहुत ही मुश्किलों भरा था. मायावती का परिवार उनके राजनीति में जाने के खिलाफ था लेकिन मायावती ने राजनीति जॉइन करने की ठान ली थी इसलिए उन्होंने अपना घर छोड़ दिया.
वो कांशीराम (Kanshi Ram) की कोर टीम का हिस्सा बन गईं और अपने तीखे भाषणों की वजह से पहचानी जाने लगीं. 1995 में वो यूपी (Uttar Pradesh) की पहली दलित महिला सीएम बनीं. उंचाई के साथ-साथ मायावती पर कई आरोप भी लगे. जिसकी वजह से वो लगातार सुर्ख़ियों में बनी रहीं. उन पर पार्टी की टिकट के बदले पैसे लेने, तानशाही के भी आरोप हैं.
एक बार सपा के कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया था. जिसकी वजह से उन्हें गेस्ट हाउस में छुपना पड़ा था. इस मामले को 'गेस्ट हाउस कांड' के रूप में जाना जाता है. एक वक्त था जब बसपा और सपा दोनों एक दूसरे के कट्टर दुश्मन थे. लेकिन अब दोनों पार्टियों ने एक दूसरे से हाथ मिला लिया है. दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर लिया है और अब एक साथ मैदान में उतरने वाली हैं. अपने जन्मदिन के अवसर पर मायावती सपा और बसपा के साथ सांझा करने वाली रैलियों की भी घोषणा करने वाली हैं