बसपा अध्यक्ष मायावती ने सपा संरक्षक मुलायम सिंह पर भाजपा से मिले होने का लगाया आरोप
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर खूब चल रहा है. दोनों ही पार्टियां हार के लिए एक दूसरे पर भाजपा से मिली भगत का ओराप लगा रही है.
लखनऊ, 22 मार्च : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद से समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर खूब चल रहा है. दोनों ही पार्टियां हार के लिए एक दूसरे पर भाजपा से मिली भगत का ओराप लगा रही है. सपा मुखिया अखिलेश यादव के बयान पर मायावती ने पलटवार करते हुए कहा कि सपा संरक्षक मुलायम सिंह तो भाजपा से खुलकर मिले हुए हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने ट्वीटर के माध्यम से कहा, "उत्तर प्रदेश में अम्बेडकरवादी लोग कभी भी सपा मुखिया तथा उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को माफ नहीं करेंगे. अखिलेश यादव ने अपनी सरकार में अम्बेडकरवादी लोगों ने नाम से बनी योजनाओं व संस्थानों आदि के नाम अधिकांश बदल दिये हैं, जो अति निन्दनीय व शर्मनाक भी है." उन्होंने आगे कहा, " बसपा नहीं बल्कि सपा के संरक्षक ही भाजपा से मिले हैं. मुलायम सिंह यादव तो खुलकर भाजपा से मिले हैं. जिन्होंने भाजपा के पिछले शपथ ग्रहण में अखिलेश यादव को भाजपा से आशीर्वाद भी दिलाया और अब अपने काम के लिए एक सदस्य को भाजपा में भेज दिया है. यह जग-जाहिर है." यह भी पढ़ें : Pramod Sawant Oath Ceremony: प्रमोद सावंत 28 मार्च को लेंगे शपथ, समारोह में पीएम मोदी हो सकते हैं शामिल
गौरतलब है कि अखिलेश यादव ने सोमवार को आजमगढ़ के अचानक दौरे पर पहुंचे. उन्होंने बसपा पर भाजपा के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने बहुजन समाज पार्टी की हार पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा था, " यह भाजपा की मिलीभगत से हुआ है. इसीलिए समाजवादी पार्टी अब अंबेडकरवादियों से गठबंधन कर रही है न कि बसपा से." यूपी चुनाव में बसपा को करारी हार का सामना करना पड़ा है. प्रदेश में कभी सत्ता में रहने वाली पार्टी को विधानसभा चुनाव में केवल एक सीट मिली है. वहीं, समाजवादी पार्टी 111 सीटों पर जीत दर्ज कर पाने में कामयाब रही. भाजपा को इस चुनाव में 255 सीटों पर जीत मिली. सपा गठबंधन को 125 और एनडीए को 273 सीटों पर जीत मिली है.