फिलहाल नहीं कटेंगे आरे के पेड़, अदालत ने अगले आदेश तक अधिकारियों को रोका, मेट्रो का बनना है कारशेड
बॉम्बे हाई कोर्ट ने मंगलवार को अधिकारियों को मौखिक रूप से निर्देश दिया है कि मुंबई के आरे में कोई भी पेड़ न काटे जाए, जब तक कि अदालत उस बड़े मुद्दे पर फैसला नहीं दे देती, जिस पर सभी ने सहमति जताई है. मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होनी है. न्यायाधीशों ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को देखने-समझने के लिए व्यक्तिगत रूप से आरे की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं.
बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने मंगलवार को अधिकारियों को मौखिक रूप से निर्देश दिया है कि मुंबई (Mumbai) के आरे (Aarey) में कोई भी पेड़ न काटे जाए, जब तक कि अदालत उस बड़े मुद्दे पर फैसला नहीं दे देती, जिस पर सभी ने सहमति जताई है. मामले में अगली सुनवाई 30 सितंबर को होनी है. न्यायाधीशों (Judges) ने यह भी कहा कि वे इस मुद्दे को देखने-समझने के लिए व्यक्तिगत रूप से आरे की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं.
दरअसल, मुंबई मेट्रो के कारशेड का मार्ग प्रशस्त करने के लिए आरे मिल्क कॉलोनी में करीब 2700 पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के महाराष्ट्र सरकार के फैसले का जबर्दस्त विरोध हो रहा है. मुंबई के एक कॉलेज के विद्यार्थियों ने ब्रिटिश एडवेंचरर बेयर ग्रिल्स को पत्र लिखकर मुम्बई मेट्रो की खातिर आरे कॉलोनी में होने वाली पेड़ों की कटाई रोकने के लिए समर्थन मांगा है. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव 2019: निर्वाचन आयोग की समीक्षा बैठक के बाद 19 या 20 सितंबर को हो सकता है तारीखों का ऐलान.
उधर, मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों को काटने के विरोध के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को कहा कि यह सरकार की जमीन है जो वन क्षेत्र के तहत नहीं आती है.