हनुमान (Hanuman) जी की जाति को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आए दिन इस विवाद में कुछ न कुछ जुड़ता चला जा रहा है जिससे इस विवाद को और हवा मिल रही है. इस विवाद में अब बीजेपी की सांसद सावित्री बाई फूले (Savitribai Phule) भी कूद पड़ी हैं. बहराइच (Bahraich) से सांसद फूले ने कहा कि हनुमान जी दलित और मनुवादियों के गुलाम थे. इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह डाला कि अगर भगवान राम में शक्ति होती तो अयोध्या (Ayodhya) में मंदिर बन गया होता. सावित्री बाई ने भगवान राम को मनुवादी (Manuwadi) बताया और कहा कि हनुमान मनुवादी लोगों के गुलाम थे.
उन्होंने कहा कि अगर वह दलित नहीं थे तो उन्हें इंसान क्यों नहीं बनाया गया? उन्हें बंदर क्यों बनाया गया? उनका मुंह क्यों काला किया गया...? उन्होंने कहा ऐसा इसलिए किया गया क्यों कि वह दलित थे. अगर लोग कहते हैं कि भगवान राम हैं और उनका बेड़ा पार कराने का काम हनुमान जी ने किया था. उनमें अगर शक्ति थी तो जिन लोगों ने उनका बेड़ा पार कराने का काम किया, उन्हें बंदर क्यों बना दिया? उनको तो इंसान बनाना चाहिए था लेकिन इंसान ना बनाकर उन्हें बंदर बना दिया गया. उनको पूंछ लगा दी गई. वो दलित थे इसलिए उस समय भी उनका अपमान किया गया.’ यह सब भगवान राम ने किया.
भगवान और मंदिर से नहीं संविधान से चलेगा देश
उन्होंने कहा, ‘हम तो यह देखते हैं कि अब देश तो ना भगवान के नाम पर चलेगा और न ही मंदिर के नाम पर. अब देश चलेगा तो भारतीय संविधान के नाम पर. हमारे देश का संविधान धर्मनिरपेक्ष है. उसमें सभी धर्मों की सुरक्षा की गारंटी है. सबको बराबर सम्मान और अधिकार है. किसी को ठेस पहुंचाने का अधिकार भी किसी को नहीं है. इसलिए जो भी जिम्मेदार लोग बात करें भारत के संविधान के तहत करें.
देश को मंदिर की जरूरत नहीं
राम मंदिर के सवाल पर सावित्री बाई फुले ने कहा कि बीजेपी इस मुद्दे को उछाल रही है जैसे कोई और मुद्दा है ही नहीं. उन्होंने कहा कि देश को मंदिर की जरूरत नहीं है, क्या मंदिर बेरोजगारी, दलित और पिछड़ों की समस्याओं को दूर कर सकता है. सांसद ने कहा कि मंदिर से सिर्फ ब्राह्मणों को फायदा होगा, जिनकी आबादी सिर्फ तीन फीसद है. मंदिर में जो पैसा चढ़ता है उसी का इस्तेमाल कर ब्राह्मण हमारे दलित समुदाय को अपना गुलाम बनाते हैं.